देहरादून : भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे उत्तराखंड के मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक (चीफ टाउन एंड कंट्री प्लानर) एसएम श्रीवास्तव को अचानक पद से हटाते हुए उत्तराखंड शासन के आवास विभाग से अटैच कर दिया गया है। यह कार्रवाई सीधे मुख्य्मंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर की गई है। तभी तो रविवार के अवकाश से बावजूद सचिवालय खुलवाकर इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया। इससे यह भी पता चलता है कि प्रकरण गंभीर है। अन्यथा अवकाश के दिन मुख्यमंत्री धामी इतनी बड़ी कार्रवाई को लेकर निर्देश जारी न करते।
चीफ टाउन प्लानर को अटैच करने के साथ ही इस पद की जिम्मेदारी वरिष्ठ नगर एवं ग्राम नियोजक शालू थिंड (स्तर-02) को सौंपी गई है। दरअसल, मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक के पास किसी भी स्थल के मास्टर प्लान यानी भू-उपयोग तय करने को लेकर अहम जिम्मेदारी होती है। मास्टर प्लान से ही तय किया जाता है कि किस स्थल पर फैक्ट्री या उद्योग लगेंगे या वहां घर बनाए जा सकेंगे। वर्तमान में देहरादून का जीआईएस आधारित मास्टर प्लान तैयार किया गया है और प्रदेश के तमाम शहरों का मास्टर प्लान भी केंद्र सरकार की योजना के तहत तैयार किया जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक मास्टर प्लान में भू-उपयोग तय करने को लेकर एसएम श्रीवास्तव पर गंभीर आरोप लगाए गए। प्रकरण के तार मंडलायुक्त गढ़वाल के कार्यालय से जुड़े होने का अंदेशा भी व्यक्त किया गया है। माना जा रहा है कि शिकायत के आधार पर जब इस तरह की त्वरित कार्रवाई की जा सकती है तो जांच के क्रम में एसएम श्रीवास्तव को सस्पेंड भी किया जा सकता है। इस कार्रवाई से आवास विभाग के तमाम अधिकारियों में हड़कंप मचा है।
सूत्रों के अनुसार कुछ शिकायत बदरीनाथ के मास्टर प्लान से संबंधित भी बताई जा रही हैं। यहां के प्लान को लेकर तमाम वर्ग लंबे समय से लामबंद भी है। इसको लेकर पूर्व राज्य सूचना आयुक्त राजेंद्र कोटियाल भी कई दफा खुलकर विरोध जाहिर कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि सीएम धामी के तल्ख रुख की चपेट में कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी आ सकते हैं। यदि ऐसा है तो लैंड यूज परिवर्तन को लेकर कहीं न कहीं बड़ी गड़बड़ जरूर की गई है।