देहरादून : उत्तराखंड में सिंगल यूज प्लास्टिक शासन के 16 फरवरी 2021 के आदेश के क्रम में प्रतिबंधित है। इसके बाद भी बाजार में इस तरह के प्रतिबंधित उत्पादों को धड़ल्ले से प्रयोग किया जा रहा है। वजह यह है कि जब फैक्ट्रियां इस तरह के उत्पाद बनाती रहेंगी तो नियमों का पालन कैसे होगा। ऐसे ही एक मामले में राज्य कर (स्टेट जीएसटी) की टीम ने हरिद्वार में सिंगल यूज्ड प्लास्टिक के ग्लास बनाने वाली फैक्ट्री पकड़ी। फैक्ट्री से अधिकारियों ने 50 कार्टन माल भी जब्त किया।
गढ़वाल जोन के अपर आयुक्त पीएस डुंगरियाल के निर्देश पर विशेष अनुसंधान शाखा (एसआइबी) हरिद्वार की संयुक्त निदेशक डॉ सुनीता पांडे के नेतृत्व में टीम ने भगवानपुर स्थित एक फैक्ट्री पर छापा मारा। दरअसल, विभाग को फैक्ट्री में प्रतिबंधित श्रेणी के प्लास्टिक उत्पाद बनाए जाने की शिकायत मिली थी। जांच में पता चला कि फैक्ट्री में सिंगल यूज प्लास्टिक के ग्लास बनाए जा रहे हैं। मौके से अधिकारियों ने 50 कार्टन माल कब्जे में लिया।
05 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया
संयुक्त आयुक्त डॉ सुनीता पांडे के मुताबिक सिंगल यूज्ड प्लास्टिक के उत्पाद बनाने पर संबंधित फैक्ट्री/फर्म पर 05 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इससे पहले जीएसटी की टीम ने हरिद्वार में 28 दिसंबर 2023 को एक गोदाम से प्रतिबंधित श्रेणी के प्लास्टिक के 50 कट्टे पकड़े थे। कार्रवाई करने वाली टीम में सहायक आयुक्त अंजनी कुमार सिंह, नितिन कुमार विश्वकर्मा, अविनाश झा, राज्य कर अधिकारी हरिकृष्ण खुगशाल, रघुवीर सिंह चौहान, मनोज जोशी आदि शामिल रहे।
पॉलीथिन से लेकर ये प्लास्टिक उत्पाद प्रतिबंधित
75 माइक्रोन तक के पॉलीथिन/कैरी बैग्स पर प्रतिबंध है। साथ ही प्लास्टिक युक्त ईयर बड, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक डंडियां, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम की डंडियां, पॉली स्टाइरीन की सजावटी सामग्री पर रोक है। इसके अलावा प्लास्टिक/थर्माकोल की प्लेटें, कप, गिलास, कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रा, जैसी कटलरी, मिठाई के डब्बों को लपेटने वाली प्लास्टिक फिल्म, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट पैक, 100 माइक्रोन से कम मोटे प्लास्टिक के बने बैनरों पर प्रतिबंध लगाया गया है।