देहरादून : उत्तराखण्ड एसटीएफ ने साईबर धोखाधडी के मास्टर माइंंड सहित 03 अभियुक्तों को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। अंतरराष्ट्रीय साइबर गिरोह के ये सदस्य चीनी और पाकिस्तानी एजेंटों के साथ काम करते थे। इन लोगों ने देहरादून निवासी एक पिडित के साथ की गयी थी लगभग 23 लाख रुपये की साइबर धोखाधडी की थी। उक्त साइबर अपराधियों के दुबई, चाईना व पाकिस्तान से भी कनैक्शन सामने आए हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 आयुष अग्रवाल ने बताया कि मोहब्बेवाला, देहरादून निवासी शिकायतकर्ता ने जून-2024 में साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून पर मुकदमा पंजीकृत कराया कि उसके द्वरा नौकरी के लिए आनलाईन naukri.com सर्च किया गया था जिस पर अज्ञात साइबर ठगों द्वारा पीडित को व्हाट्सएप नं0 से फोन कर बताया कि उन्हें naukri.com से आपका सी०वी०/ रिज्यूम प्राप्त हुआ है जिसके लिये पहले आपको रजिस्टेशन चार्ज 14,800/-रुपये का भुगतान करना पड़ेगा, पीडित द्वारा भुगतान करने के बाद lintojacob@hrsuntorybfe.com से इन्टरव्यू के लिए SKYIP से फोन आया तथा उनके द्वारा लगभग 1 घंटे तक टैक्निकल इन्टरव्यू लिया गया और उसके बाद दिनांक 22.11.2023 को फाईनल राउंड के लिए इन्टरव्यू लेने के बाद सलैक्शन हो जाने की बात कहकर दस्तावेज वैरिफिकेशन, जॉब सिक्यिोरिटी, फास्ट ट्रैक वीजा तथा IELTS exam आदि के नाम पर क्वीक सोल्यूशन (Quick Solution) आकाउंट में रुपये जमा कराये गये। इसके बाद शिकायतकर्ता को बताया गया कि उसके द्वारा IELTS exam के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया जिस कारण वीजा कैन्सिल किया जा रहा है तथा पीडित का पैसा 03 महीने में वापस करने की बात कही गयी। इसके बाद इसी प्रकार पीडित को अन्य व्हाट्सएप नं0 से पुनः कॉल आयी व coca cola uk as AVP (Operation) में वेकैन्सी होना बताकर फिर से वही रजिस्ट्रेशन, इण्टरव्यू आदि दोहराकर शिकायतकर्ता से पुनः विभिन्न खातों में भुगतान कराकर कुल 22,96,000/- (बाईस लाख छियानवे हजार) रुपये की साईबर ठगी की गई।
उक्त साइबर ठगी के लिये साइबर ठगों द्वारा शिकायतकर्ता की ई-मेल आई0डी0 पर जानी-मानी कम्पनियों के नाम से मिलती जुलती ई-मेल आई0डी0 jacob@carriercocacola.com, lintojacob@hrsuntorybfe.com, support@jobphent.se जो आजकल support@jobphent.com और contact@recuritmentjob.in से सम्पर्क किया गया।
इस प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुये अनावरण हेतु साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन पर विवेचना साइबर थाने के निरीक्षक श्री विकास भारद्वाज के सुपुर्द कर घटना के शीघ्र अनावरण हेतु गठित टीम को समुचित दिशा-निर्देश दिये गये, जिस पर कार्यवाही करते हुये साईबर क्राईम पुलिस द्वारा घटना में प्रयुक्त बैंक खातों/मोबाइल नम्बरों तथा व्हाटसप की जानकारी हेतु सम्बन्धित बैंकों, सर्विस प्रदाता कम्पनी, तथा मेटा एवं गूगल आदि से पत्राचार कर डेटा प्राप्त किया गया । प्राप्त डेटा के विश्लेषण से जानकारी मे आया कि अभियुक्तगणों द्वारा वादी मुकदमा से धोखाधडी से ठगी गयी धनराशि को विभिन्न बैंक खातों में स्थानान्तरित किया गया था।
विवेचना के दौरान साईबर थाना पुलिस टीम द्वारा तकनीकी / डिजिटल साक्ष्य एकत्र कर घटना के मास्टर मांइड व मुख्य आरोपियों को चिन्ह्ति करते हुये अभियुक्तों की तलाश जारी की तथा अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु कई स्थानों पर दबिशें दी, किन्तु आरोपी काफी शातिर किस्म के हैं जो पुलिस को चकमा देने के उद्देश्य से समय-समय पर अपनी लोकेशन बदलते रहते थे । साईबर पुलिस टीम द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास से तकनीकी संसाधनों का प्रयोग करते हुये साक्ष्य एकत्रित कर कार्यवाही करते हुये अभियोग के मास्टरमाइण्ड सहित 03 अभियुक्त गण अलमास आजम, अनस आजम व सचिन अग्रवाल को मेट्रो स्टेशन जनकपुरी वैस्ट दिल्ली से गिरफ्तार किया गया जिनके कब्जे से 06 मोबाईल फोन, 42 बैंक पासबुक/चैकबुक ड़ेविट/क्रेड़िट कार्ड़ व 16 सिमकार्ड, पहचान पत्र आधार कार्ड व पैनकार्ड बरामद हुए है ।
इस प्रक्रिया में, दुबई का मास्टरमाइंड (पाकिस्तानी एजेंटों) भारतीय सहयोगी को शामिल करता है, जो पूरे बैंक खाते के किट प्राप्त करते हैं। वहीं, चीनी एजेंट व्हाट्सएप और टेलीग्राम के माध्यम से क्रिप्टो भुगतान और वास्तविक समय (real time) में यूपीआई विवरणों के लिए निर्देश देते हैं। गिरोह के अन्य सदस्य बिनांस और ट्रस्ट वॉलेट जैसी क्रिप्टो प्लेटफ़ॉर्म से USDT (जो क्रिप्टो लेन-देन में उपयोग होता है) खरीदते हैं। USDT को बिनांस वॉलेट में ट्रांसफर किया जाता है और जुड़े हुए विदेशी ठग इसे 90 रुपये प्रति USDT के बजाय 104 रुपये प्रति USDT के भाव से भारतीय रुपये भेजते हैं। मुनाफे को आपस में बांटा जाता है, जिसमें 7 रुपये सचिन को और बाकी 7 रुपये आज़म भाइयों को दिया जाता है। आज़म भाइयों को प्रत्येक फर्जी खाते के लिए अतिरिक्त कमीशन भी मिलता है।
प्रारम्भिक पूछताछ में अभियुक्तगणों द्वारा दुबई, चाईना व पाकिस्तान से कनैक्शन होना स्वीकार किया गया है जिनके सम्बन्ध में इनके मोबाइल फोन में भी व्हाट्सएप, टेलीग्राम के माध्यम से चैटिंग होनी पायी जिसमें आपस में बैंक खातों की यूपीआई आईड़ी, खातों की डिटेल्स, क्यूआर कोड़, स्केनर आदि का आदान प्रदान किया गया है इसके अलावा USDT क्रीप्टोकरेंसी में एक दूसरे से खातों में भारतीय रुपया का ट्रान्सेक्सन सम्बन्धी चैटस पाई गयी है।
गिरफ्तार व्यक्तियों के नाम व पते-
1. अलमास आजम पुत्र गौशल आजम निवासी 85/42 अशरफाबाग जाजमऊ नियर शिवांश टेनरी थाना चकैरी कानपुर उ0प्र0 उम्र-29 वर्ष।
2. अनस आजम पुत्र गौशल आजम निवासी 85/42 अशरफाबाग जाजमऊ नियर शिवांश टेनरी थाना चकैरी कानपुर उ0प्र0, उम्र- 25 वर्ष।
3. सचिन अग्रवाल पुत्र श्री राजेन्द्र अग्रवाल निवासी सी-34 सेकण्ड फ्लौर कृष्णा पार्क विकासपुरी दिल्ली, , उम्र- 41 वर्ष।