प्रयागराज : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का महाकुम्भ में प्रयागराज पहुंचे। इस दौरान उन्होंने निरंजनी अखाड़ा में आयोजित समानता के साथ समरसता’ कार्यक्रम में भाग लिया। महाकुम्भ के दिव्य अवसर पर पुष्कर सिंह धामी को संतों ने सम्मानित किया।
निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी जी और परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती जी और संतों के पावन सान्निध्य में उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता कानून लागू करने हेतु मुख्यमंत्री का अभिनन्दन किया।।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि समान नागरिक संहिता कानून भारत के उन्नत भाल मस्तिष्क पर सिंदूर की तरह हैं। चारों धामों ने जिसे चुना है वह हमारे धामी जी है। सारी दुनिया चारों धामों को चुनती है और चारों धामों ने धामी को चुना है। उत्तराखंड की धरती पर एकता, शांति और समरसता की भावना हमेशा से जीवित रही है। हमारे राज्य की असली शक्ति हमारे लोगों की एकता और भाईचारे में है।
आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी जी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर सदैव से ही संतों का आशीर्वाद व कृपा बनी हुई है। समरसता और एकता का संदेश भारत की प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न अंग रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि समाज में असहमति और मतभेद हो सकते हैं, लेकिन जब तक हम एक दूसरे के प्रति सम्मान और प्रेम रखेंगे, समाज में शांति बनी रहेगी।
धामी ने कहा कि उत्तराखंड के सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को संजोते हुए, राज्य सरकार समाज में समरसता के लिए निरंतर प्रयास कर रही है और पूज्य संतों के पावन सान्निध्य व आशीर्वाद से आगे भी समर्पित होकर कार्य करती रहेगी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि इस तरह के आयोजनों से उत्तराखंड की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को नया जीवन मिलता है। उत्तराखंड स्वतंत्रता के बाद देश का पहला राज्य है, जिसने समान नागरिक संहिता को लागू किया है। समान नागरिक संहिता सभी के लिए समान अधिकार सुनिश्चित करेगा। समान नागरिक संहिता में इस प्रकार का प्रावधान किया गया है कि अब कोई भी अपनी पहचान को छिपा नहीं सकेगा। .मुझे पूरा विश्वास है कि समान नागरिक संहिता भारत के सभी राज्यों में लागू होगी।