देहरादून: 38 वें राष्ट्रीय खेलों के समापन से कुछ घंटे पूर्व ही उत्तराखंड ने पदकों का शतक लगाकर इतिहास रच दिया है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। कभी इतने पदक उत्तराखंड की झोली में आकर नहीं गिरे थे। उत्तराखंड का यह प्रदर्शन चमत्कारिक है और खेलों की दुनिया में असल वसंत खिलने का आभास करा रहा है। गोवा में आयोजित 37वें राष्ट्रीय खेलों में सिर्फ 24 पदक उत्तराखंड ने जीते थे और पदक तालिका में वह 25 वें स्थान पर रहा था। इस बार पदकों की संख्या और पदक तालिका में उत्तराखंड की स्थिति दोनों में ही जबरदस्त उछाल आ गया है। गुरूवार शाम को पदक तालिका में उत्तराखंड कुल 102 पदकों के साथ सातवें नंबर पर नजर आया।
अपने घरेलू मैदान में मेजबान उत्तराखंड के खिलाड़ियोें ने शानदार प्रदर्शन किया है। पिछले राष्ट्रीय खेलों में जहां सिर्फ तीन स्वर्ण पदक उत्तराखंड ने देखे थे, वहीं इस बार स्वर्णिम सफलता की बयार चली है। उत्तराखंड ने 24 स्वर्ण पदक झटके हैं। इसके अलावा, 25 रजत और 43 कांस्य पदकों के साथ कुल 102 पदक अपने खाते में डाल दिए हैं। पदकों के मामले में देखा जाए, तो तालिका में उत्तराखंड से सिर्फ सर्विसेज, महाराष्ट्र, हरियाणा ही आगे हैं। इस लिहाज से उत्तराखंड का चौथा नंबर है, लेकिन स्वर्ण पदकों की कुल संख्या से होने वाले आंकलन के चलते उसका सातवां नंबर बना है। स्वर्ण पदक ज्यादा होने के कारण कर्नाटक, मध्य प्रदेश व तमिलनाडू जैसे राज्य पदक तालिका में उत्तराखंड से आगे हैं।
इस प्रदर्शन से उत्तराखंड का उत्साह सातवें आसमान पर है। खिलाड़ियों की अथक मेहनत और सरकार के प्रयासों ने मिलकर ऐसा रंग जमाया, कि उत्तराखंड में खेलों का असल वसंत अब दिखाई दे रहा है। पदकों के लिहाज से उत्तराखंड ने इतिहास रच दिया है। उत्तराखंड के खिलाड़ियों को उसके घरेलू मैदान के अलावा सरकार की तमाम उन योजनाओं ने आगे बढ़ने में मदद की, जो उनके कल्याण से सीधे जुड़ी हैं।
\
खिलाड़ियों के दमदार प्रदर्शन ने उत्तराखंड का मान बढ़ाया है। 102 पदक जीतकर उत्तराखंड ने इतिहास रच दिया है। इससे पहले कभी उत्तराखंड पदकों के शतक तक नहीं पहुंचा था। निश्चित तौर पर यह उत्तराखंड के खेलभूमि बनने की तरफ ऊंची छलांग है। हम खेल विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं देशभर से आए खिलाड़ियों और अन्य मेहमानों के प्रति भी आभार प्रकट करता हूं, जिन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने में योगदान किया है।
-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री।