केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने की स्थिति स्पष्ट, विक्रेताओं को नहीं लगाना होगा चेतावनी लेबल
कार्यस्थलों को लेकर दी गई है सलाह ताकि मोटापे की समस्या को लेकर बढे जागरूकता
नई दिल्ली : समोसा, जलेबी और लडडू जैसी मिठाइयां या अन्य ऐसी ही अन्य सामाग्री बेचने वालों को अब चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में किए गए उन दावों को भ्रामक और निराधार बताया है कि जिनमें कहा गया था कि गया है कि समोसा, जलेबी और लड्डू जैसे खाद्य उत्पादों पर चेतावनी लेबल लगाना होगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि मंत्रालय ने सलाह दी है कि कार्यस्थलों पर कार्मिक स्वास्थ्यवर्धक विकल्प चुनें। इसके लिए आफिस जैसे स्थानों में लॉबी, कैंटीन, कैफेटेरिया, मीटिंग रूम आदि में बोर्ड लगाने की सलाह दी गई है ताकि विभिन्न खाद्य पदार्थों में मौजूद अतिरिक्त वसा और चीनी के सेवन से होने वाले हानिकारक परिणामों के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके। ये बोर्ड देश में तेजी से बढ़ रही मोटापे की समस्या से बचने का संदेश देते हैं।स्वास्थ्य मंत्रालय के परामर्श में विक्रेताओं को बेचे जाने वाले खाद्य उत्पादों पर चेतावनी लेबल लगाने का निर्देश नहीं दिया गया है और यह भारतीय स्नैक्स और समृद्ध स्ट्रीट फ़ूड संस्कृति को लक्षित नहीं करता है।
यह सामान्य परामर्श लोगों को सभी खाद्य उत्पादों में मौजूद अतिरिक्त वसा और चीनी के बारे में जागरूक करने के लिए एक व्यवहारिक प्रेरणा है। जिसमें फलों, सब्जियों और कम वसा वाले विकल्पों जैसे पौष्टिक आहार को बढ़ावा देना, सीढ़ियों का उपयोग, व्यायाम और पैदल चलने जैसी शारीरिक गतिविधियां शामिल हैं।
यह परामर्श राष्ट्रीय गैर-संचारी रोगों की रोकथाम और नियंत्रण कार्यक्रम (एनपी-एनसीडी) के अंतर्गत मंत्रालय की प्रमुख पहलों में से एक है। तेल और चीनी का अत्यधिक सेवन मोटापे, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और जीवनशैली से जुड़े अन्य रोगों को बढ़ावा देता है।