Gandhi Hospital waterlogging : Waterlogging at Gandhi Hospital: Health Dept Orders Probe, Report in 3 Days
Gandhi Hospital waterlogging : देहरादून, 30 जुलाई : महात्मा गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय की बेसमेंट पार्किंग में लंबे समय से चले आ रहे जलभराव को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने कड़ा रुख अपनाया है। एक समाचार रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए, स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए हैं।
डॉ. कुमार ने इस स्थिति को मरीजों, आगंतुकों और कर्मचारियों के लिए अत्यधिक असुविधाजनक बताया। उन्होंने कहा कि यह जलभराव गंभीर सुरक्षा और स्वच्छता संबंधी खतरे पैदा कर रहा है। लंबे समय तक पानी जमा रहने से मच्छरों और अन्य कीटों के पनपने का खतरा बढ़ जाता है, जिससे संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहती है। साथ ही, फिसलन के कारण दुर्घटनाओं की संभावना भी बढ़ जाती है। सचिव ने इसे अस्पताल के संचालन में बाधा डालने वाली लापरवाही करार दिया, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मामले की गहन जांच के लिए, डॉ. राजेश कुमार ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। इस समिति में प्रभारी महानिदेशक डॉ. सुनीता टम्टा (अध्यक्ष), चिकित्सा स्वास्थ्य निदेशक डॉ. शिखा जंगपांगी (सदस्य) और संयुक्त निदेशक डॉ. अजीत मोहन जौहरी (सदस्य) शामिल हैं। यह समिति तीन दिनों के भीतर विस्तृत और सुस्पष्ट जांच रिपोर्ट शासन को सौंपेगी, जिसमें संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।
इसके अतिरिक्त, देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी और जिला चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक से भी तीन दिनों के भीतर लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया है। डॉ. कुमार ने स्पष्ट किया है कि यदि निर्धारित समय सीमा में जवाब नहीं मिला, तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रदेश में चल रहे स्वच्छता अभियान के तहत इस तरह की लापरवाही न केवल सरकार की छवि को धूमिल करती है, बल्कि आम जनता के स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ है। स्वास्थ्य संस्थानों की प्राथमिकता स्वच्छ, सुरक्षित और व्यवस्थित वातावरण सुनिश्चित करना है।