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Dehradun seed rakhi : ‘सीड राखी’ : पहले कलाई पर सजेगी, फिर बगिया में

Web Editor
Last updated: 2025/08/07 at 3:36 AM
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3 Min Read
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Dehradun Women Make Eco-Friendly ‘Seed Rakhi’ for Rakshabandhan

Contents
Dehradun seed rakhi :  रक्षाबंधन पर बाजार में आकर्षक ईको फ्रेंडली सीड राखियों की धूमतुलसी, अपराजिता, बेल एवं अन्य सुगंध हर्बल प्लांट के सीड से बनी है बीज राखियां  

Dehradun seed rakhi :  रक्षाबंधन पर बाजार में आकर्षक ईको फ्रेंडली सीड राखियों की धूम

तुलसी, अपराजिता, बेल एवं अन्य सुगंध हर्बल प्लांट के सीड से बनी है बीज राखियां

  

Dehradun seed rakhi : देहरादून, 6 अगस्त 2025: इस साल रक्षाबंधन पर, देहरादून की महिला स्वयं सहायता समूह एक अनूठी पहल के साथ सामने आए हैं। उन्होंने पर्यावरण के अनुकूल सीड राखियां बनाई हैं, जो भाई-बहन के पवित्र रिश्ते के साथ-साथ प्रकृति के प्रति प्रेम का भी संदेश देती हैं। इन राखियों में तुलसी, अपराजिता, बेल, अश्वगंधा और सूरजमुखी जैसे कई औषधीय और हर्बल पौधों के बीज पिरोए गए हैं। रक्षाबंधन के बाद इन राखियों को गमले या मिट्टी में रोपने से एक सुंदर पौधा जन्म लेगा, जो इस पावन पर्व की स्मृति को हमेशा हरा-भरा रखेगा।

पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए आयुष विभाग, देहरादून ने विकास भवन सभागार में एक विशेष बीज राखी वितरण कार्यक्रम आयोजित किया। मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने इन राखियों का अनावरण किया और स्कूली बच्चों को वितरित कर उन्हें रक्षाबंधन की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने बच्चों को इन इको-फ्रेंडली राखियों का महत्व समझाते हुए कहा कि यह सिर्फ एक धागा नहीं, बल्कि पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी का प्रतीक है। इस अवसर पर सभी ने सीड राखी बांधकर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प भी लिया।

जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी ने बताया कि इन राखियों में प्राकृतिक बीज संलग्न किए गए हैं। रक्षाबंधन के बाद जब राखी को मिट्टी में दबाया जाएगा, तो कुछ ही समय में एक नया हर्बल पौधा अंकुरित होगा। इस पहल का मुख्य उद्देश्य बच्चों, युवाओं और पूरे समाज में पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाना और वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करना है।

देहरादून और ऋषिकेश में भारतीय ग्रामोत्थान संस्था के तहत मोहिनी स्वयं सहायता समूह, हरिओम स्वयं सहायता समूह सहित कुल 9 महिला समूह इस तरह की इको-फ्रेंडली राखियां तैयार कर रहे हैं। इन राखियों को बाजार में काफी सराहा जा रहा है और इनकी मांग भी बढ़ रही है। यह न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रहा है, बल्कि समाज में एक सकारात्मक बदलाव भी ला रहा है।

इस कार्यक्रम में जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. मिथिलेश कुमार समेत कई अन्य अधिकारी और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। यह पहल यह दर्शाती है कि छोटे-छोटे रचनात्मक प्रयासों से भी बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं।

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TAGGED: This Rakshabandhan, women's self-help groups in Dehradun are crafting unique 'seed rakhis' embedded with herbal plant seeds. This eco-friendly initiative promotes environmental conservation and empowers local women.
Web Editor August 7, 2025
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