Dharali disaster relief : CM Dhami Sets 7-Day Deadline for Uttarakhand Disaster Assessment, Promises Relief
मुख्यमंत्री ने धराली आपदा में क्षतिग्रस्त निजी और सार्वजनिक संपत्ति के आकलन के लिए 7 दिन का समय दिया
हर्षिल तक की रोड कनेक्टिविटी दो दिन में आरंभ करने के निर्देश
Dharali disaster relief : देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में आपदाग्रस्त क्षेत्रों में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने विशेष रूप से धराली में हुए नुकसान का जायजा लिया और अधिकारियों को क्षतिग्रस्त निजी और सार्वजनिक संपत्ति के आकलन के लिए सात दिनों की समय सीमा दी है। इस आकलन को तैयार होते ही तत्काल भारत सरकार को भेजा जाएगा, ताकि राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए आवश्यक सहायता प्राप्त की जा सके। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि प्रभावितों को दी जा रही सहायता तात्कालिक है और इस संबंध में किसी भी प्रकार की नकारात्मकता नहीं फैलानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि धराली सहित राज्य के सभी आपदाग्रस्त क्षेत्रों में तत्काल सहायता राशि का वितरण जल्द से जल्द पूरा किया जाए। उन्होंने यह भी घोषणा की कि धराली आपदा में ध्वस्त हुए कल्प केदार मंदिर का पुनर्निर्माण कराया जाएगा। सीएम ने कहा, “धराली के लोग हमारे अपने लोग हैं, उनका बेहतरीन विस्थापन किया जाएगा, इस संबंध में कोई कमी नहीं की जाएगी।” उन्होंने राहत और बचाव कार्यों में लगी सरकारी मशीनरी का उत्साहवर्धन करने और इसमें जन सहयोग की भी अपील की।
सड़क मार्ग को जल्द बहाल करने का निर्देश
मुख्यमंत्री धामी ने धराली-हर्षिल आपदाग्रस्त क्षेत्र में सड़क मार्ग को युद्धस्तर पर कार्य करते हुए मंगलवार तक सुचारू करने के निर्देश दिए हैं। लोक निर्माण विभाग और संबंधित एजेंसियों ने जानकारी दी है कि लिमचीगाड़ ब्रिज के शाम तक संचालित होने के बाद, हर्षिल तक की सड़क कनेक्टिविटी दो दिन के भीतर शुरू कर दी जाएगी। सड़क के जल्द से जल्द निर्माण के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
इसके अलावा, सीएम ने जिलाधिकारी को धराली आपदा में बेघर हुए 108 परिवारों के साथ निरंतर संपर्क और संवाद बनाए रखने का निर्देश दिया है। इन परिवारों के लिए तत्काल रहने, भोजन, दवाइयों और अन्य आवश्यक सुविधाओं की बेहतरीन व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है।
विशेषज्ञों की टीम का दौरा
मुख्यमंत्री ने सोमवार की सुबह ही धराली आपदाग्रस्त क्षेत्र के चैनेलाइजेशन के लिए आईआईटी रुड़की, सीएसआरई और अन्य विशेषज्ञ एजेंसियों के जियोलॉजिस्ट की एक टीम तत्काल रवाना करने के निर्देश दिए हैं। यह टीम क्षेत्र का भूगर्भीय आकलन करेगी और भविष्य में ऐसी आपदाओं से बचने के लिए सुझाव देगी।
ग्राम प्रधान और ग्रामीणों ने जताया आभार
समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से धराली के ग्राम प्रधान और अन्य आपदा प्रभावितों से बातचीत की। ग्राम प्रधान और ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया कि वे स्वयं तीन दिनों तक उनके साथ रहे, उनका हौसला बढ़ाया, आपदा आकलन के लिए त्रिस्तरीय समिति का गठन किया और मुआवजा वितरण की प्रक्रिया तुरंत शुरू की। उन्होंने प्रशासन द्वारा चलाए गए प्रभावी राहत और बचाव कार्यों की भी सराहना की।
सरकारी अधिकारियों और कार्मिकों की सराहना
मुख्यमंत्री धामी ने धराली और पौड़ी आपदा के राहत और बचाव कार्यों में निरंतर लगे सभी सरकारी अधिकारियों और कार्मिकों की सराहना की। उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन पर्व के दौरान भी अपने घरों से दूर रहकर इन क्षेत्रों में पूरे मनोयोग से कार्य करने वाले अधिकारियों, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना के जवानों की हिम्मत अत्यंत प्रशंसनीय है।
पौड़ी में भी राहत कार्य जारी
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी पौड़ी, श्रीमती स्वाति भदौरिया से भी राहत और बचाव कार्यों की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने बताया कि पौड़ी के 338 गांव आपदा प्रभावित हैं। प्रभावित सैंजी गांव के क्षतिग्रस्त घरों का आकलन कर दिया गया है और अब तक 50.86 लाख रुपये का मुआवजा वितरित किया जा चुका है। जनपद में राहत कार्य मिशन मोड पर संचालित किए जा रहे हैं।
इस बैठक में मुख्य सचिव आनंद वर्धन, डीजीपी दीपम सेठ और अन्य संबंधित विभागों के सचिव और अपर सचिव भी उपस्थित थे। वर्चुअल माध्यम से उत्तरकाशी और पौड़ी के जिलाधिकारी तथा धराली के ग्राम प्रधान और ग्रामीण भी जुड़े थे।