Maulyar Foundation education Uttarakhand : Maulyar Foundation Distributes School Supplies in Uttarakhand on Festive Occasions
Maulyar Foundation education Uttarakhand : चम्बा, 16 अगस्त 2025: जन्माष्टमी और स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर, मौल्यार फाउंडेशन ने टिहरी गढ़वाल के नरेंद्र नगर और चम्बा ब्लॉक में अपनी शिक्षा सेवा को आगे बढ़ाते हुए स्कूली बच्चों के बीच शिक्षण सामग्री वितरित की। फाउंडेशन ने कुल छह स्कूलों में जाकर बच्चों को कॉपियाँ, किताबें, स्कूल बैग, जूते और खाने-पीने की चीजें भेंट कीं। इनमें नरेंद्र नगर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय ओडारखेत, बसोई, मलास और चम्बा ब्लॉक के मोटणाधार (पुजाल्डी), कखवाड़ी, ढुंगली शामिल थे।
इस नेक पहल का नेतृत्व फाउंडेशन की अध्यक्ष गुड्डी थपलियाल ने किया। कार्यक्रम के लिए दो अलग-अलग टीमें बनाई गईं। नरेंद्र नगर की टीम का संचालन पूनम डबराल ने किया, जिनके साथ शशि डबराल, कैलाश नौटियाल, गोपाल लेखवार और टिकेंद्र सिंह मौजूद रहे। चम्बा ब्लॉक की टीम का संचालन श्रीमती देवी ने किया, जिन्हें अजय डबराल और जगदीश प्रसाद लेखवार का सहयोग मिला।
मौल्यार फाउंडेशन के संस्थापक विनोद लेखवार, जो वर्तमान में विदेश में रहते हैं, अपने प्रदेश के लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कार्यों में उनकी विशेष रुचि है, और पहाड़ी स्कूलों के शिक्षा स्तर में सुधार लाना उनकी प्रमुख प्राथमिकता है। इस अवसर पर फाउंडेशन की टीम ने बच्चों को कृष्ण जन्माष्टमी और स्वतंत्रता दिवस दोनों का महत्व समझाया, साथ ही उनसे बातचीत कर उनकी जरूरतों को भी जाना।
विद्यालय की शिक्षिकाओं ने मौल्यार फाउंडेशन की टीम की सराहना की और कहा कि खराब मौसम की परवाह न करते हुए भी टीम दूर पहाड़ों तक पहुँची। अध्यापकों और ग्रामीणों ने भी फाउंडेशन के प्रयासों की प्रशंसा की। फाउंडेशन की टीम ने भी बच्चों के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाकर अपनी खुशी व्यक्त की। शिक्षिकाओं का मानना है कि ऐसे उपहार बच्चों को पढ़ाई के प्रति और अधिक लगन पैदा करने की प्रेरणा देते हैं।
मौल्यार फाउंडेशन का लक्ष्य पहाड़ की शिक्षा, स्वास्थ्य और संस्कृति को एक नया मुकाम देना है। विनोद लेखवार ने अपने गाँव को भी गोद ले रखा है और तेज़ी से बढ़ते पलायन को रोकने का प्रयास कर रहे हैं। वे अपने गाँव को विश्व पटल पर लाने के लिए शासन और प्रशासन दोनों के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं, और उनके प्रयासों के सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिले हैं। विनोद लेखवार का स्पष्ट कहना है कि जब तक देश और प्रदेश में रहने वाले उत्तराखंडी अपने गाँव के लिए योगदान नहीं देंगे, तब तक उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों का विकास संभव नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की “अपने गाँव को गोद लें” पहल का समर्थन किया और अधिक से अधिक प्रवासी लोगों से अपने गाँव को अपनाने का आग्रह किया।