Khar Ganga disaster reconnaissance : SDRF Conducts High-Level Reconnaissance of Khar Ganga Origin After Uttarkashi Disaster
Khar Ganga disaster reconnaissance :उत्तरकाशी, 16 अगस्त 2025: 5 अगस्त 2025 को जनपद उत्तरकाशी के धराली बाजार में खीर गंगा क्षेत्र में आई भीषण जलप्रलय के बाद, एसडीआरएफ की संयुक्त टीम ने राहत और बचाव कार्यों के साथ-साथ खीर गंगा के उद्गम स्थल तक की उच्च स्तरीय रेकी और भौतिक निरीक्षण कर आपदा की वास्तविक परिस्थितियों का महत्वपूर्ण वैज्ञानिक डेटा जुटाया है। यह गहन अभियान विषम परिस्थितियों के बावजूद सफलतापूर्वक पूरा किया गया, जो भविष्य के आपदा प्रबंधन और जोखिम न्यूनीकरण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगा।
5 अगस्त की आपदा से धराली बाजार में व्यापक तबाही हुई थी। घटना के तुरंत बाद, एसडीआरएफ मुख्यालय जौलीग्रांट से राहत और बचाव कार्य के लिए टीमें घटनास्थल पर पहुंचीं और शुरुआती चरण में ड्रोन के माध्यम से धराली क्षेत्र की लगातार निगरानी और सर्चिंग की कार्रवाई की गई। एसडीआरएफ की संयुक्त टीम द्वारा इन विषम परिस्थितियों में की गई इस उच्च स्तरीय रेकी और भौतिक निरीक्षण से आपदा की वास्तविक परिस्थितियों का वैज्ञानिक विश्लेषण संभव हो पाया है। टीम द्वारा संकलित सभी फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी उच्चाधिकारियों और वैज्ञानिक संस्थानों को भेजी गई हैं। यह कार्रवाई भविष्य में आपदा प्रबंधन और जोखिम न्यूनीकरण की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध होगी, जिससे ऐसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की हमारी क्षमता में सुधार होगा।
रेकी अभियानों का विवरण:
- 7 अगस्त 2025: पुलिस महानिरीक्षक, एसडीआरएफ के निर्देश पर मुख्य आरक्षी राजेंद्र नाथ के नेतृत्व में एक टीम ने धराली गांव से पैदल चलकर खीर गंगा के दाहिने ओर लगभग 3450 मीटर की ऊंचाई तक पहुंचकर ड्रोन का संचालन किया। खीर गंगा की पूरी निगरानी में किसी भी प्रकार की झील का निर्माण नहीं पाया गया। वीडियो और फोटोग्राफी तत्काल उच्चाधिकारियों को उपलब्ध कराई गई।
- 8 अगस्त 2025: इसी क्रम में, एएसआई पंकज घिल्लियाल और अन्य सदस्यों की एक टीम ने श्रीकंठ पर्वत के नीचे लगभग 3900 मीटर की ऊंचाई पर पुनः रेकी की। टीम ने ड्रोन से खीर गंगा और धराली क्षेत्र के ऊपर बने नालों की वीडियोग्राफी/फोटोग्राफी की और संकलित सामग्री को वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान तथा यू-कॉस्ट के वैज्ञानिकों को प्रेषित किया।
- 14-15 अगस्त 2025: मुख्य आरक्षी राजेंद्र नाथ के नेतृत्व में एसडीआरएफ, एनआईएम उत्तरकाशी के प्रशिक्षकों और पोर्टर की एक संयुक्त टीम ने श्रीकंठ पर्वत बेस और खीर गंगा उद्गम स्थल का भौतिक निरीक्षण किया। टीम लगभग 4812 मीटर की ऊंचाई तक पहुंची और अत्यंत विषम परिस्थितियों – जैसे घना कोहरा (व्हाइटआउट), तेज हवाएं और वर्षा – के बीच भी फैंटम-4 और डीजेआई मिनी-2 ड्रोन के माध्यम से ग्लेशियर बेस और उद्गम स्थल की विस्तृत वीडियोग्राफी/फोटोग्राफी की।