समारोह के मुख्य वक्ता, डॉ. देवेंद्र भसीन ने कहा कि स्व. सेठी अपनी सशक्त और बेबाक लेखनी के धनी थे। वे ‘न किसी से दोस्ती, न किसी से बैर’ वाली कहावत पर चलते थे। उन्होंने कभी भी अपनी कलम से समझौता नहीं किया, न सत्ता के सामने झुके और न ही किसी दबाव को स्वीकार किया। डॉ. भसीन ने कहा कि उनकी कलम ही उनकी असली ताकत थी।
राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने उनके पत्रकारिता के तेवर को याद करते हुए कहा कि उनकी लेखनी इतनी धारदार थी कि जनता और पत्रकार दोनों ही उनके अखबार ‘शिवालिक ब्लिट्ज़’ का बेसब्री से इंतजार करते थे। बार काउंसिल उत्तराखंड के अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने पत्रकारिता और वकालत को लोकतंत्र के दो मजबूत स्तंभ बताते हुए कहा कि दोनों ही पेशों का उद्देश्य समाज सेवा और जनहित है। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल ने कहा कि स्व. सेठी की बेखौफ पत्रकारिता हमें यह सिखाती है कि हमें बिना किसी दबाव के अपने दायित्वों का निर्वहन करना चाहिए।
प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष नवीन थलेड़ी ने कहा कि स्व. सेठी जब भी प्रेसवार्ता में सवाल पूछते थे तो सामने वाला जवाब देने से कतराता था। उनके पास हर तथ्य और प्रमाण होते थे और वे अपने कनिष्ठ साथियों के लिए हमेशा मार्गदर्शक और सहयोगी रहे। वरिष्ठ पत्रकार जयसिंह रावत ने उन्हें सिर्फ पत्रकार नहीं बल्कि एक आंदोलनकारी बताया जिनकी कलम अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ हमेशा गरजती थी।
इस मौके पर प्रेस क्लब अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह कण्डारी ने घोषणा की कि अगले साल से स्व. सेठी के परिवार द्वारा एक सोसाइटी बनाई जाएगी जो हर वर्ष ऐसे पत्रकारों को सम्मानित करेगी, जिन्होंने अपनी निर्भीक लेखनी से लोकतंत्र को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि स्व. सेठी जैसे निडर पत्रकार आज भी नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा हैं और उनके सिद्धांतों पर चलना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। स्व. सेठी के पुत्र डॉ. गिरीश सेठी और वरिष्ठ अधिवक्ता योगेश सेठी ने अपने पिता के जीवन के कई संस्करण साझा किए और समारोह में मौजूद सभी लोगों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन प्रेस क्लब कोषाध्यक्ष अनिल चन्दोला ने किया।