AIIMS Rishikesh ₹2.73 Crore Scam | CBI Files Case Against Ex-Director and Two Others
ऋषिकेश, 30 सितंबर 2025। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश एक बार फिर भ्रष्टाचार के गंभीर मामले में घिर गया है। संस्थान में 2.73 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ है। इस प्रकरण में सीबीआई ने पूर्व निदेशक डॉ. रविकांत, तत्कालीन एडिशनल प्रोफेसर रेडिएशन ऑन्कोलॉजी डॉ. राजेश पसरीचा और स्टोर कीपर रूप सिंह को आरोपी बनाया है।
सीबीआई की एंटी करप्शन टीम ने 26 मार्च 2025 को कार्डियोलॉजी विभाग में छापा मारकर जांच शुरू की थी। जांच में पाया गया कि 16 बिस्तरों वाले कोरोनरी केयर यूनिट (सीसीयू) की निविदा फाइल गायब थी और यूनिट अधूरी व गैर-कार्यात्मक अवस्था में मिली। कई उपकरण या तो घटिया थे या मौजूद ही नहीं थे। स्टॉक रजिस्टर में आयातित पैनल, मॉनिटर और एयर प्यूरीफायर दर्ज थे, लेकिन आपूर्ति नहीं की गई थी। इसके बावजूद ठेकेदार कंपनी मेसर्स प्रो मेडिक डिवाइसेस को करोड़ों का भुगतान कर दिया गया।
सीबीआई ने इसे सुनियोजित षड्यंत्र मानते हुए भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120-बी, 420, 468, 471 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया है। इन धाराओं के तहत सात से दस साल की कठोर सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
गौरतलब है कि एम्स ऋषिकेश में यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले 2022 में स्वीपिंग मशीन और केमिस्ट स्टोर आवंटन में 4.41 करोड़ तथा 2023 में उपकरण खरीद में 6.57 करोड़ रुपये की हेराफेरी उजागर हो चुकी है। दोनों मामलों में भी सीबीआई चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।