Bhagwat Katha in Memory of Anil Chamoli – A Spiritual Path to Salvation in kotdwar
कोटद्वार, 6 अक्टूबर 2025 : कथावाचक आचार्य वीरेंद्र पंत ने अपने प्रवचन में कहा कि भागवत कथा साक्षात अमृत दायिनी है, इसके प्रत्येक शब्द में अमृत का सार निहित है। कथा के माध्यम से परम सत्य और परमेश्वर के स्वरूप को समझने का अवसर मिलता है। उन्होंने कहा कि कथा श्रवण से हृदय में भक्ति भाव जागृत होता है, जीवन में अच्छे कर्म करने की प्रेरणा मिलती है और कर्मों का फल अवश्य प्राप्त होता है।
स्वर्गीय अनिल चमोली की प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर उनके एवं समस्त पितरों के उद्धार हेतु आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तृतीय दिवस पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण कर पुण्य लाभ प्राप्त किया।
आर्किटेक्ट अनिल चमोली लगभग 62 वर्ष की आयु में गोलोकवासी हुए। वे लंबे समय से ज्वाल्पा देवी मंदिर समिति से जुड़े रहे और निर्माण सलाहकार के रूप में अपने अमूल्य सुझाव देते रहे। अपने मूल गांव नैल असवालस्यू में मां झालीमाली एवं राजराजेश्वरी मंदिर के निर्माण में भी उनका विशेष योगदान रहा।
श्रद्धा एवं सम्मान के साथ उनका परिवार दिवंगत आत्मा की शांति हेतु इस पावन यज्ञ का आयोजन कर रहा है। कार्यक्रम में उपस्थित श्रद्धालुओं ने भक्ति और भावपूर्ण माहौल में कथा श्रवण कर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।