Blood Moon 2025: The Last Lunar Eclipse of the Year

रजनी चंदर, देहरादून
इस बार पितृपक्ष की चंद्रग्रहण शुरुआत चंद्रग्रहण के साथ हो रही है। यह इस साल का दूसरा एवं आखिरी चंद्रग्रहण है, जो भाद्रपद पूर्णिमा पर सात-आठ सितंबर की रात प्रभावी होगा और भारत समेत कई देशों में स्पष्ट दिखाई देगा। यानी इस अवधि में पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जायेगी, जिससे उसकी परछाई चंद्रमा पर पडने लगेगी। इससे जो दृश्य साकार होगा, वही चंद्रग्रहण है। खास बात यह कि इस अवधि में चंद्रमा की सतह लाल-नारंगी यानी खून के रंग में चमकने लगेगी। ऐसे चंद्रग्रहण को ब्लड मून भी कहा जाता है। लोग इस दृश्य को नंगी आंखों से देख सकेंगे। इससे आंखों के लिए किसी तरह का खतरा नहीं है। ज्योतषीय दृष्टि से देखें तो यह ग्रहण कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में लग रहा है, इसलिए इसके संवेदनशील प्रभाव देखेने को मिल सकते हैं।
इसलिए कहते हैं ब्लड मून
अंतरिक्ष अन्वेषण, नवाचार और खगोल विज्ञान से जुड़ी आनलाइन प्रकाशन साइट Space.com की एक रिपोर्ट के मुताबिक, किसी ग्रहण के लिये पृथ्वी, चंद्रमा और सूरज का एकदम सीधी लाइन में आना जरूरी है। जब भी यह परिस्थितियां बनती हैं, चंद्रमा पर पृथ्वी की सबसे गहरी छाया पडती है। इसे अम्ब्रा कहते हैं। इस दौरान चांद लाल दिखने लगता है, क्योंकि यह एक प्रक्रिया होती है, जिसे रेले स्कैटरिंग (Rayleigh scattering) कहते हैं। यह प्रक्रिया सूरज ढलते समय आकाश को लाल बनाती है। इसी कारण पूर्ण चंद्रग्रहण को ब्लड मून की संज्ञा दी जाती है। हालांकि, यह चंद्रग्रहण अमेरिका में नहीं दिखाई देगा, क्योंकि ग्रहण की अवधि में वहां दिन होगा।
चंद्रग्रहण का समय
ग्रहण का स्पर्श (शुरू) रात 9:57 बजे
ग्रहण का स्पर्श (शुरू) रात 9:57 बजे
ग्रहण का चरम (मध्य) रात 11:01 बजे
ग्रहण की समाप्ति रात 01:26 बजे
ग्रहण की कुल अवधि 03 घंटे 29 मिनट
ग्रहण का सूतक सात सितंबर दोपहर 12:57 बजे से रात 01:27 बजे तक
(इस अवधि में सभी मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे।)
(इस अवधि में सभी मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे।)
राशियों पर असर
ज्योतिषियों के अनुसार, ग्रहण जिस राशि और नक्षत्र में लगता है, उसका असर उसी राशि और नक्षत्र के जातकों पर सबसे अधिक पड़ता है। इस बार का चंद्र ग्रहण कुंभ राशि और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में लग रहा है, जो इसे खास बनाता है। यह चंद्रग्रहण कुंभ राशि के जातकों के लिए फायदेमंद रहेगा। जो लोग पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में जन्मे हैं, उनके लिए यह साल का अंतिम चंद्र ग्रहण सौभाग्य लेकर आने वाला है।
ज्योतिषियों के अनुसार, ग्रहण जिस राशि और नक्षत्र में लगता है, उसका असर उसी राशि और नक्षत्र के जातकों पर सबसे अधिक पड़ता है। इस बार का चंद्र ग्रहण कुंभ राशि और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में लग रहा है, जो इसे खास बनाता है। यह चंद्रग्रहण कुंभ राशि के जातकों के लिए फायदेमंद रहेगा। जो लोग पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में जन्मे हैं, उनके लिए यह साल का अंतिम चंद्र ग्रहण सौभाग्य लेकर आने वाला है।
मेष : आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है, मानसिक चिंता बढ़ सकती है
वृष : व्यापार में नुकसान, कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटने पर सकते हैं
मिथुन : सामाजिक छवि खराब हो सकती है
कर्क – हर क्षेत्र में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है
सिंह : जीवनसाथी के साथ परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है
कन्या : शत्रुओं से परेशानी
तुला : मानसिक उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है
वृश्चिक : धन संबंधी परेशानी होगी, स्वास्थ्य की दिक्कत आ सकती है
धनु : मेहनत के अनुरूप फल नहीं मिलेगा
मकर : धन संबंधी परेशानी होगी
कुंभ : मानसिक आघात होगा, शारीरिक दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है
मीन : व्यय की अधिकता रहेगी, कर्ज लेना पड़ सकता है
