Hakam Singh Arrested Again in Uttarakhand Paper Leak Scam | STF Cracks Down
देहरादून, 21 सितंबर 2025 : उत्तरकाशी जिले के पुरोला क्षेत्र में कभी “नौकरी की गारंटी” माने जाने वाले हाकम सिंह एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उत्तराखंड STF और देहरादून पुलिस ने उसे नए नकल विरोधी कानून के तहत गिरफ्तार किया है। उसके साथ पंकज गौड़ को भी हिरासत में लिया गया है। हाकम सिंह पहले भी 2021 और 2022 में उत्तराखंड की कई अहम भर्ती परीक्षाओं में नकल कराने के मामले में गिरफ्तार हो चुका है। जेल से छूटने के बाद उसने अपने नेटवर्क को फिर सक्रिय कर हुकूमत शुरू कर दी थी I
पुलिस ने बताया कि STF की लंबे समय से हाकम सिंह पर नजर थी। दो दिन पहले सर्विलांस के जरिए उसकी संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिली, जिसके बाद कार्रवाई करते हुए उसे उसके साथी सहित गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस का कहना है कि वह फिर से नकल रैकेट सक्रिय करने की फिराक में था। हाकम सिंह का नाम सबसे पहले 2021 और 2022 की विवादित भर्ती परीक्षाओं में सामने आया था। उन परीक्षाओं को पेपर लीक और नकल की वजह से रद्द कर दिया गया था। इनमें वन दरोगा, सचिवालय रक्षक, वाहन चालक, कार्यालय अनुदेशक, पुलिस दूरसंचार व रैंकर्स भर्ती परीक्षाएं शामिल थीं। इन घटनाओं ने राज्य सरकार की परीक्षा प्रणाली की साख को गहरा झटका दिया था।
कभी रसोइया, अब करोड़ों की संपत्ति का मालिक
हाकम सिंह की कहानी फिल्मी लगती है। कभी एक IAS अफसर के घर में रसोइया का काम करने वाला यह व्यक्ति धीरे-धीरे उत्तराखंड के सबसे बड़े नकल माफियाओं में तब्दील हो गया। पुलिस जांच में सामने आया कि वह नेताओं, पूर्व मुख्यमंत्रियों और अधिकारियों के साथ नजदीकियों का फायदा उठाकर भर्ती परीक्षा तंत्र में सेंध लगाता रहा। यही नहीं, भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र छपाई केंद्र से लेकर परीक्षा केंद्र तक की हर जानकारी उसके पास होती थी।
सितंबर 2021 में हुआ था सबसे बड़ा खुलासा
2021 में स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक मामले से पूरे घोटाले की परतें खुलनी शुरू हुई थीं। इस परीक्षा में 1.2 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे, लेकिन जब रिजल्ट आया तो टॉप मेरिट लिस्ट में अधिकांश अभ्यर्थी एक ही परीक्षा केंद्र से निकले। जांच में सामने आया कि पेपर पहले ही लीक हो चुका था और इसका मास्टरमाइंड कोई और नहीं, बल्कि हाकम सिंह ही था।
80 से अधिक गिरफ्तारियां, फिर भी सक्रिय था नेटवर्क
हाकम सिंह के रैकेट के खुलासे के बाद सरकार ने उच्च स्तरीय जांच बैठाई और अब तक 80 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इनमें कई शिक्षक, अभ्यर्थी, सरकारी कर्मचारी और नकल माफिया शामिल थे। लेकिन अब एक बार फिर हा कम सिंह की गिरफ्तारी से साफ है कि उसका नेटवर्क पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं की पारदर्शिता पहले से ही सवालों के घेरे में रही है। हाकम सिंह की दोबारा गिरफ्तारी यह संकेत देती है कि नकल माफिया अभी भी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। यह समय है जब राज्य सरकार को भर्ती तंत्र में और ज्यादा पारदर्शिता और तकनीकी सख्ती लाने की जरूरत है।