देहरादून: उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रांतीय अधिवेशन में वक्ताओं ने कहा कि जिस तरह परिवहन निगम को निजीकरण की तरफ धकेलने की रणनीति बनाई जा रही है, उसे किसी भी हाल में सफल नहीं होने दिया जाएगा। इसमें बसों का बेड़ा बढ़ाने और अवैध रूप से चल रही बस-जीप का संचालन रोके जाने समेत 11 बिंदुओं पर प्रस्ताव पास किए गए।
रुद्रपुर बस स्टेशन वर्कशाप में आयोजित अधिवेशन में यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कमल पपनै व महामंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि सरकार की तरफ से कर्मचारियों के हितों पर कोई सार्थक फैसला नहीं किया जा सका है। पूर्व की लंबित मांगों को अब तक पूरा नहीं किया गया है। अध्यक्ष पपनै ने कहा कि पूर्व देयकों का भुगतान, परिवहन निगम में अनुबंधित बसों की जगह परिवहन निगम की बसें चलाई जानी चाहिए।
अधिवेशन में 11 बिंदुओं पर चर्चा कर प्रस्ताव पास हुए। इसमें प्रमुख रूप से निजीकरण किए जाने का विरोध, परिवहन निगम का बेड़ा 2000 बसों का किए जाने, उत्तराखंड पुलिस की संरक्षण में चल रहीं अवैध बस-जीप के संचालन पर रोक, सभी कार्यरत संविदा विशेष श्रेणी चालक-परिचालकों एवं कार्यशाला कर्मचारियों के नियमतीकरण की मांग रखी गई।
इसके साथ ही कल-पुर्जों की खरीद के लिए स्पष्ट नीति बनाए जाने, मृतक आश्रितों की तत्काल नियुक्ति, महंगाई भत्ता, एरियर का भुगतान, लंबित देयकों का भुगतान, कर्मचारियों को एसीपी का लाभ दिए जाने का प्रस्ताव पास हुए। अधिवेशन में पूर्व अध्यक्ष डीएल साह, उपाध्यक्ष एलडी पालीवाल, क्षेत्रीय अध्यक्ष दयाल जोशी, क्षेत्रीय मंत्री गोपेश्वर श्रीवास्तव, हरेंद्र सिंह, केपी सिंह, योगेश शर्मा, यशपाल सिंह, जितेंद्र सिंह, परमजीत सिंह, कुलदीप सिंह, मनोज मिश्रा, हरीश जोशी, रघुवीर चौधरी, जयप्रकाश यादव आदि मौजूद रहे।