टनकपुर(चंपावत): मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अतिथियों को बुके की जगह बुक देने की परंपरा शुरू करनी चाहिए। इससे भावी पीढ़ी में ज्ञान का भंडार बढ़ेगा व दिमाग का पोषण होगा। पौधा भेंट करना भी बुके का विकल्प हो सकता है। बुके ही देना चाहते हैं तो फूल की एक कली देकर अपनी भावना व्यक्त करें।
शुक्रवार को जीजीआइसी परिसर में दूसरे टनकपुर पुस्तक मेले का शुभारंभ करते हुए धामी ने कहा कि प्रदेश में प्रतिवर्ष पुस्तक मेला आयोजित करने की परंपरा बन गई है। ज्ञान की यह परंपरा निरंतर आगे बढ़े। इससे नई पीढ़ी सीखेगी। साहित्यकारों व लेखकों को स्थान मिलेगा। प्रतिभा का प्रदर्शन होगा। विकृत होते समाज को किताबों से ही ठीक किया जा सकता है। पुस्तक मेले में उमड़ी भीड़ अच्छा संकेत है कि लोग जुड़ रहे हैं।
आज इंटरनेट व तकनीक के युग के बावजूद पुस्तकों का विकल्प नहीं है। पुस्तक मेले को नशा नहीं किताब चुनें की थीम पर आयोजित किया गया है। हमें संकल्प लेकर नशे रूपी दानव को खत्म करना होगा। पीएम नरेन्द्र मोदी से प्रेरणा लेकर हमने 2025 तक उत्तराखंड को नशामुक्त बनाने का संकल्प लिया है। सभी के सामूहिक प्रयासों से समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा।
टनकपुर पहुंचे सीएम ने सीमांत को राजधानी दून से जोड़ने के लिए दो वाल्वो बस की भेंट दी। बनबसा जगबूढ़ा पुल पर बस की पूजा-अर्चना करने के बाद सीएम ने टनकपुर तक करीब आठ किमी सफर वाल्वो में किया। प्रतिदिन शाम को टनकपुर व दून से बसें संचालित होंगी। बस रात आठ बजे टनकपुर व देहरादून से रात नौ बजे रवाना होगी।