देहरादून : पुष्कर सिंह धामी सरकार ने पर्वतीय क्षेत्रों में नए शहरों के विकास और पलायन वापसी की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन परियोजना में निर्माणाधीन 11 रेलवे स्टेशन वाले स्थलों और इनके निकटस्थ क्षेत्रों को सुंदर शहरों के रूप में विकसित करने के निर्णय पर मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी।
मास्टर प्लान बनाकर इन शहरों का विकास किया जाएगा। मास्टर प्लान क्रियान्वित होने तक रेलवे स्टेशन के परिसरों की सीमा से 400 मीटर तक के क्षेत्र में निर्माण गतिविधियां प्रतिबंधित की गई हैं। कैबिनेट ने मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना का लाभ प्रथम दो बच्चों (बालिका अथवा बालक) के जन्म पर देने और श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति में कार्मिकों व पुजारियों की भर्तियों के लिए अलग-अलग नियमावलियों पर भी मुहर लगाई है।
सचिवालय में शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में पर्वतीय क्षेत्रों के विकास, कर्मचारियों, उद्यमियों, निर्धन परिवारों, युवाओं के हित में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने मंत्रिमंडल के निर्णयों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग नई ब्राडगेज रेललाइन परियोजना का कार्य लगभग एक वर्ष में पूरा हो जाएगा।
परियोजना के अंतर्गत निर्माणाधीन 11 रेलवे स्टेशन स्थलों को नई टाउनशिप के रूप में विकसित किया जाएगा। रेलवे स्टेशन के सौंदर्यीकरण और उनके निकट अनियमित निर्माण से यात्रियों को होने वाली असुविधा से बचाने के साथ ही निकटवर्ती क्षेत्र को शहर के रूप में विकसित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि परियोजना के अंतर्गत योग नगरी ऋषिकेश, शिवपुरी, ब्यासी, सिराला, चिलगढ़ मल्ला, मलेथा, श्रीनगर, धारी देवी, तिलानी, घोलतीर और गौचर में रेलवे स्टेशन निर्माणाधीन हैं। मंत्रिमंडल ने रेलवे स्टेशन की सीमा से 400 मीटर की परिधि क्षेत्र में समस्त प्रकार के निर्माण और विकास गतिविधियों पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। इन सभी क्षेत्रों का विकास अब मास्टर प्लान के अंतर्गत किया जाएगा।
मंत्रिमंडल ने उद्यमियों को राहत देते हुए उनकी बड़ी मांग पूरी की है। समस्त औद्योगिक क्षेत्रों के मानचित्र अब मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण समेत संबंधित विकास प्राधिकरणों से स्वीकृत कराने की व्यवस्था मंत्रिमंडल ने समाप्त कर दी। साथ ही ये मानचित्र स्वीकृत करने के लिए स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथारिटी (एसआइडीए) को अधिकृत किया है।
मंत्रिमंडल ने लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अंत्योदय एवं प्राथमिक परिवारों को प्रतिमाह एक किलो आयोडीनयुक्त नमक आठ रुपये की दर से उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। संघ लोक सेवा आयोग और सशस्त्र बलों के अधिकारियों की भर्ती की प्रारंभिक परीक्षाओं में उत्तीर्ण करने वाले समस्त अभ्यर्थियों को विशेष आर्थिक सहायता के रूप में 50 हजार रुपये की राशि को बढ़ाकर एक लाख रुपये करने पर मंत्रिमंडल ने सहमति दी।