हल्द्वानी: द केरल स्टोरी फिल्म की तरह एक मामला इस समय उत्तराखंड में भी चर्चा में है। एसएसबी 47वीं वाहिनी रक्सौल (बिहार) की मानव तस्करी रोधी इकाई की टीम को संदेह हुआ है कि इसराफिल अंसारी नेपाल मूल की किशोरी को केरल ले जाने के बहाने सीरिया या इराक जैसे मुस्लिम देशों में भेजने की साजिश रच रहा था। इसलिए वह किशोरी से बार-बार केरल में रिश्तेदार के वहां जाने की बात कह रहा था। इधर, उत्तराखंड पुलिस भी मानव तस्करी के एंगल से इस मामले की जांच में जुट गई है।
नैनीताल के भीमताल के ढुंगशिल से नेपाल मूल की किशोरी को रेस्क्यू करने के बाद बाल संरक्षण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने नेपाल दूतावास को किशोरी के सुरक्षित होने का पत्र लिखा है। इससे पूर्व सीडब्ल्यूसी की ओर से नाबालिग के बयान भी लिए गए। पुलिस की ओर से आरोपित अंसारी से पूछताछ की गई है। अंसारी ने बताया है कि उसने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से किशोरी से दोस्ती की और उसे अपने साथ उत्तराखंड के नैनीताल जिले में ले आया था। अब जल्द ही विदेश मंत्रालय, 47वीं वाहिनी रक्सौल सशस्त्र सीमा बल की मानव तस्करी यूनिट, बाल कल्याण समिति व बाल संरक्षण इकाई के माध्यम से किशोरी को नेपाल भेजा जाएगा।
बिहार के बेतिया क्षेत्रक मुख्यालय मानव तस्करी रोधी इकाई (एएचटीयू) के इंस्पेक्टर मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि इससे पहले भी किशोरियों को केरल से मध्य पूर्वी देश सीरिया व इराक में भेजने के मामले सामने आते रहे हैं। इस किशोरी को भी इन दो देशों में भेजे जाने का संदेह है।
यह था पूरा मामला
नेपाल के एक मुस्लिम युवक ने नाम बदलकर वहीं की नाबालिग लड़की के साथ इंस्टाग्राम पर दोस्ती की। फिर उसे प्रेमजाल में फंसाकर भारत ले आया। यही नहीं मुस्लिम युवक ने नाबालिग के साथ नैनीताल जिले के घोड़ाखाल मंदिर में शादी भी रचा ली और उसके साथ रहने लगा। नाबालिग बिहार से लगी नेपाल सीमा की रहने वाली है। उसके परिवार की शिकायत पर 47वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल रक्सौल (बिहार), मिशन मुक्ति फाउंडेशन दिल्ली, जिला बाल कल्याण समिति नैनीताल व उत्तराखंड पुलिस के सर्च अभियान के बाद भीमताल के ढुंगशिल से मुस्लिम युवक व किशोरी को पकड़ा गया था। किशोरी ने बताया कि अंसारी उसे अगले महीने केरल ले जाने वाला था।