देहरादून : दिमाग पर बेटे की चाहत का ऐसा भूत सवार था कि एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी के सिर पर फ्राईपैन दे मारा। क्योंकि, उनकी तीन बेटियां हैं और बेटा नहीं है। इस हमले में महिला का दिमागी संतुलन गड़बड़ाता दिख रहा है। अस्पताल में परिजनों के साथ पीड़ित महिला का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें ऐसा आभास हो रहा है कि शायद चोट से महिला का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। इस मामले में प्रेमनगर पुलिस ने 04 दिन बाद आरोपी पति और परिजनों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया। हालांकि, यह कार्रवाई भी तब की गई, जब स्थानीय महिलाओं ने प्रेमनगर थाने का घेराव किया।
पुलिस को दी तहरीर में विनीत राज निवासी लक्ष्मीपुर प्रेमनगर ने बताया कि उनकी बहन सुमन यादव का विवाह वर्ष 2015 में आरोपी अर्पण यादव निवासी प्रेमनगर के साथ हुआ था। शादी के बाद सुमन की 03 बेटियां हुई। आरोप है कि शादी के कुछ समय बाद ही उसका पति, सास, ससुर और ननद उसे परेशान करने लगे। आरोपी उसके साथ मारपीट और गाली-गलौज भी करते थे। इस संबंध में उन्होंने पूर्व में भी प्रेमनगर थाने में तहरीर दी, लेकिन आरोपित हर बार माफी मांगकर बच जाता।
शिकायतकर्ता ने बताया कि 16 अप्रैल की रात उन्हें किसी का फोन आया कि आरोपित अर्पण ने सुमन को बुरी तरह से पीट दिया है। सूचना मिलते ही वह बहन के घर पहुंचे और तत्काल उसे प्रेमनगर स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया। हालत गंभीर होने पर सुमन को दून अस्पताल रेफर कर दिया गया। सुमन कई घंटे बेहोश रही। थोड़ा होश में आने के बाद उसने बताया कि उसके पति, सास, ससुर और ननद ने उसे बुरी तरह से पीटा। उसका गला दबाकर जान से मारने की कोशिश की गई। हालांकि, चोट के कारण वह मानसिक रूप से भी अस्वस्थ लग रही थी।
बताया गया कि जब सुमन के साथ मारपीट की गई तो पड़ोसियों ने आकर उसे बचाया। पीड़िता की आठ वर्षीय बेटी ने बताया कि आरोपितों ने उसकी मां के सिर पर फ्राइपेन मारा, जिससे वह बेहोश हो गई। प्रेमनगर थानाध्यक्ष गिरीश नेगी ने बताया कि आरोपित अर्पण यादव, ससुर गोपाल यादव, सास रानी यादव और ननद सपना यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। चिकित्सकों के बयान के आधार पर धारा में बढ़ोतरी की जा सकती है।
शिकायतकर्ता ने बताया कि आरोपित उसकी बहन को इसलिए पीटते थे कि उसकी तीन बेटियां ही थी। कोई बेटा नहीं हो पाया था। रविवार को भारी संख्या में स्थानीय महिलाएं प्रेमनगर थाना पहुंची और थाने का घेराव किया। आरोप है कि आरोपित गिरफ्तारी से बचने के लिए अस्पताल में भर्ती हो गया और पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि यदि जल्द आरोपित को गिरफ्तार नहीं किया गया तो उन्हें सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।