रुद्रप्रयाग: क्षेत्र में सक्रिय गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरा और ट्रैप कैमरा लगाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने वन विभाग के तीन कर्मचारियों को बंधक बना लिया। ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग ने क्षेत्र में एक व्यक्ति की गुलदार के हमले में मौत होने के बावजूद गुलदार को पकड़ने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की। रविवार देर रात्रि तक ग्रामीणों ने वनकर्मियों को बंधक बनाए रखा। वहीं विभाग का कहना है कि युवक की मौत गुलदार के हमले में नहीं हुई है।
रुद्रप्रयाग जिले के अंतर्गत बच्छणस्यूं क्षेत्र में 21 अप्रैल को नौखू गांव के निवासी युवक अनिल सिंह रावत की संदिग्धावस्था में मौत हो गई थी। ग्रामीणों का कहना है कि युवक की मौत गुलदार के हमले के कारण हुई। लेकिन, घटना के तीन दिन बाद भी क्षेत्र में वन विभाग द्वारा पिंजरा और ट्रैप कैमरा नहीं लगाया गया। रविवार को मृतक युवक का सिर बरामद हुआ। सूचना पर शाम छह बजे वन विभाग की टीम में शामिल खेड़ाखाल के डिप्टी रेंजर कुंदी लाल आर्य और दो फारेस्ट गार्ड को नौखू गांव में पहुंचे।
इसी दौरान आक्रोशित ग्रामीणों ने तीनों वन कर्मियों को बंधक बना लिया। क्षेत्र पंचायत सदस्य सुरजीत सिंह कंडारी ने कहा कि वन विभाग ग्रामीणों की मांग पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। जिससे ग्रामीणों में भारी रोष है। वहीं, डीएफओ रुद्रप्रयाग अभिमन्यु ने बताया कि युवक की मौत संदिग्ध है। पोस्टमार्टम में भी मौत गुलदार के हमले के कारण नहीं होना बताया गया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों से बातचीत की जा रही है। कुछ ग्रामीणों ने वनकर्मियों के साथ अभद्रता भी की है।