डोईवाला (देहरादून): स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय जौलीग्रांट (एसआरएचयू) में भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (नासी) उत्तराखंड चैप्टर के सहयोग से राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर व्याख्यान आयोजित किया गया। इसमें वक्ताओं ने छात्र-छात्राओं को वैज्ञानिक सोच को विकसित करने की बात कही।
शनिवार को मेडिकल कॉलेज के बीसी रॉय सेमिनार हाल में आयोजित व्याख्यान को संबोधित करते हुए एसआरएचयू के कुलपति व भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (नासी) उत्तराखंड चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र डोभाल ने छात्र-छात्रों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण को विकसित करने की बात कही। उन्होंने वैज्ञानिक प्रगति को आगे बढ़ाने में दूरदर्शी व्यक्तियों की भूमिका पर जोर देते हुए पिछली शताब्दी में हुई वृद्धिशील खोजों पर प्रकाश डाला। न्यूटन, आइंस्टीन, बेल, गैलीलियो, फ्लेमिंग और एडिसन जैसे उल्लेखनीय अविष्कारकर्त्ता के साथ समानताएं बनाते हुए, उन्होंने इन अग्रदूतों द्वारा साझा की गई सामान्य विशेषताओं पर प्रकाश डाला। डॉ. डोभाल ने कहा कि अग्रणी नवप्रवर्तकों में गुणों का एक अनूठा मिश्रण होता है। जिसमें पारंपरिक सीमाओं का पालन करने से इनकार, विभिन्न दृष्टिकोणों से समस्या-समाधान के लिए रुचि और रूपक रूप से सोचने की क्षमता शामिल होती है।
उन्होंने ऐसी मानसिकता विकसित करने के महत्व पर जोर दिया जो आधुनिक दुनिया की जटिलताओं से निपटने के लिए प्रयोग, रचनात्मकता और अनुकूलनशीलता को अपनाती है। इससे पूर्व निदेशक रिसर्च सेल डॉ. बिंदू डे ने बताया कि यह दिवस 1998 में पोखरण में किए गए ऐतिहासिक परमाणु परीक्षणों को याद करने और भारत के परमाणु शक्ति के रूप में उभरने और दुनिया के सामने अपनी तकनीकी शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि इस बार यह दिवस स्कूल टू स्टार्टअप्स-इग्नाइटिंग यंग माइंड्स टू इनोवेट की व्यापक थीम पर मनाया जा रहा है। इस अवसर पर रजिस्ट्रार मुकेश बिजल्वाण, डॉ. मोहित वर्मा, डॉ. गणेश सहित इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, बॉयोसाइंस, फार्मेसी, योगासाइंस, नर्सिंग व मेडिकल कॉलेज छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।