रुद्रप्रयाग (पीबी) : हौसलों की उडान हो तो चुनौतियों के पहाड भी बौने हो जाते हैं। बसुकेदार के अतुल कुमार ने साबित कर दिया कि लगन और धैर्य हो तो एक दिन संघर्ष जरूर रंग लाता है। दरअसल, अतुल रुद्रप्रयाग जिले के बसुकेदार उप तहसील के बीरों-देवल गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता प्रकाश लाल केदारनाथ यात्रा के दौरान घोडे खच्चरों का संचालन करते हैं और मां संगीता देवी गृहणी हैं। अतुल बताते हैं कि जून में स्कूल कालेज में अवकाश वह घर लौटते हैं और केदारनाथ पैदल पथ पर घोडे खच्चरों के संचालन में पिता का हाथ बटाते हैंं।
चार संतानों में दूसरे नंबर के अतुल बताते हैं कि उन्होंने राजकीय इंटर कॉलेज बसुकेदार से 6 से 12वीं तक की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने श्रीनगर गढवाल स्थित एचएनबी केंद्रीय विश्वविद्वालय में बीएसएसी में प्रवेश लिया।लिया। पांचों सेमेस्टर में अतुल ने 80 प्रतिशत से अधिक अंक अर्जित किए हैं। अब उन्हें अंतिम सेमेस्टर के परीक्षाफल का इंतजार है। अतुल ने स्वयं अध्ययन कर आईआईटी जैम की परीक्षा में सम्मलित हुए। वह बताते हैं कि घर की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि काचिं ग का खर्च वहन किया जा सकता। ऐसे में तैयारी के लिए उन्होंने दोस्तों की मदद ली। उनके दोस्त आन लाइन कोचिंग ले रहे थेे। दोस्तों ने साथ दिया, नोटस साझा किए और अतुल ने मैदान मार लिया। उन्होंने ऑल इंडिया 649वीं रैंक हासिल की है। उनका चयन एमएससी गणित के लिए आईआईटी मद्रास के लिए हुआ है। अतुल ने बताया कि माता-पिता और गुरुजनों ने हमेशा उसका साथ दिया। जब वह आठवीं में थे तब से प्रत्येक वर्ष जून महीने में केदारनाथ यात्रा में घोड़ा-खच्चर का संचालन करते आ रहा है, जिससे परिवार की आय हो सके। छात्र के पिता ओम प्रकाश ने बताया कि वह बेटे की इस उपलब्धि से बहुत खुश हैं।