By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
Himalaya Ki AwajHimalaya Ki Awaj
  • उत्तराखंड
  • करियर
  • राजनीती
  • पर्यटन
  • क्राइम
  • देश-विदेश
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्पोर्ट्स
  • स्वास्थ्य
  • वीडियो न्यूज़
Search
  • Advertise
© 2023 Himalaya Ki Awaj. All Rights Reserved. | Designed By: Tech Yard Labs
Reading: Uttarakhand leopard behavior : उत्‍तराखंड में उलझन में डाल रही गुलदार की “चाल”
Share
Notification Show More
Latest News
CM Dhami environmental protection : हरेला पर्व पर रोपे गये आठ लाख से अधिक पौधे
उत्तराखंड
Kedarnath Valley heli safety : देहरादून के सहस्त्रधारा एवं रुद्रप्रयाग के सिरसी में स्‍थापित होगा एयर ट्रैफिक कंट्रोल
उत्तराखंड
Dehradun unregistered de-addiction centers : गैर-पंजीकृत नशा मुक्ति केंद्रों पर एक्शन मोड में सरकार, बिना मानकों वाले केंद्र होंगे बंद
स्वास्थ्य
Uttarakhand leopard behavior : Uttarakhand’s Leopard: The Puzzling Behavior of the Big Cats
Uncategorized
Uttarakhand leopard behavior : उत्‍तराखंड में उलझन में डाल रही गुलदार की “चाल”
देश-विदेश
Aa
Himalaya Ki AwajHimalaya Ki Awaj
Aa
  • पर्यटन
  • राजनीती
Search
  • उत्तराखंड
  • करियर
  • राजनीती
  • पर्यटन
Follow US
  • Advertise
© 2023 Himalaya Ki Awaj. All Rights Reserved. | Designed By: Tech Yard Labs
Himalaya Ki Awaj > Blog > देश-विदेश > Uttarakhand leopard behavior : उत्‍तराखंड में उलझन में डाल रही गुलदार की “चाल”
देश-विदेश

Uttarakhand leopard behavior : उत्‍तराखंड में उलझन में डाल रही गुलदार की “चाल”

Web Editor
Last updated: 2025/07/28 at 2:36 PM
Web Editor
Share
4 Min Read
SHARE

Uttarakhand leopard behavior : Uttarakhand’s Leopard Enigma: Research Uncovers Shifting Behavior & Rising Conflict

Contents
प्रदेश के जंगलों में घूम रहे 3115 गुलदार, बदलता व्‍यवहार बना शोध का विषयराज्‍य बनने के बाद से अब तक 535 लोगों को बना चुके हैं निवाला(फोटो साभार : राजू पुशोला)

प्रदेश के जंगलों में घूम रहे 3115 गुलदार, बदलता व्‍यवहार बना शोध का विषय

राज्‍य बनने के बाद से अब तक 535 लोगों को बना चुके हैं निवाला

Uttarakhand leopard behavior : देहरादून, 28 जुलाई 2025 : वर्ष 2011 में बसंत की एक शाम इतनी भयानक हो जाएगी, किसी ने कल्‍पना भी नहीं की थी। पौडी जिले के रिखणीखाल ब्‍लाक के एक गांव में पिंजरे में फंसे गुलदार (तेंदुए) को देखते ही गुस्‍से से सुलग रहे ग्रामीणों ने मिटटी का तेल छिडककर आग लगा दी। आक्रोशित भीड के आगे वन‍ विभाग बेबस नजर आया। यह अकेला मामला नहीं है, देहरादून जिले में भी कुछ वर्ष पहले ग्रामीणों ने लाठी डंडों से गुलदार को मार डाला था। देश के दूसरे राज्‍यों से भी ऐसे किस्‍से अक्‍सर सुनने को मिल जाते हैं। पलायन की पीडा से दो चार हाेे रहे  उत्‍तराखंड के हालात देखें तो वीरान होते गांवों की एक बडी वजह जंगली जानवर भी हैं। प्रदेश में 1726 गांव पूरी तरह से जन शून्‍य हो चुके हैं। फसल तो चौपट हो ही रही है जीवन भी संकट में  है।
वन्‍य जीवों की दुनिया में बदलते व्‍यवहार को लेकर शोध का विषय बन चुके गुलदार उत्‍तराखंड में आतंक का पर्याय बन चुके हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड के जंगलों में 3115 गुलदार घूम रहे हैं,  है। यदि औसत निकालें तो एक जिले में  239 गुलदार हैं। उत्‍तर प्रदेश से अलग होने के बाद अस्तित्‍व में आए उत्‍तराखंड में देखें तो वर्ष 2000 से वर्ष 2024 के बीच बाघ और गुलदार 640 लोगों को शिकार बना चुके हैं। इनमें अकेले गुलदार 535 जाने ले चुका है यानी औसतन हर साल 22 जिंदगी। वहीं इसी अवधि में 2069 गुलदार के हमले में जख्‍मी हुए।
शोध का विषय यह कि इन 24 वर्षों में सर्वाधिक लोग गुलदार का शिकार बने वर्ष 2003 और वर्ष 2020 में । इन वर्षों में यह संख्‍या क्रमश: 33 और 30 रही। यह आंकडा भी चौंकाने वाला है। प्रसिद्ध शिकारी लखपत रावत ने एक बार एक साक्षात्‍कार में गुलदार के बदलते व्‍यवहार पर कहा था कि एकाकी रहने वाला यह जीव अब झुंड में भी रहने लगा है। इतना ही नहीं, पुणे के पास जुन्नार में गुलदार दिन के समय भी मानव बस्तियों के आस पास देखे जा रहे हैं। उत्‍तराखंड में भी यह स्थिति है, जबकि पहले ये रात में ही निकलते थे। चिंता का विषय यह है कि गुलदार गांव के साथ ही शहरों का रुख भी कर रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में देहरादून, हरिद्वार, बिजनौर, मेरठ, ग्रेटर नोएडा, बरेली, लखीमपुर खीरी और पीलीभीत सहित कई जगह में गुलदार के हमलों के मामले सामने आए हैं। यह सही है कि शेर के मुंह में सिर डालना अक्‍लमंदी नहीं है, लेकिन यदि शेर घर के दरवाजे तक आ जाए तो हालात संभालने ही पडेंगे। हमें वन भी चाहिए और वन्‍य जीव भी, लेकिन कुछ तो ऐसा करें कि जीवन सुरक्षित रहे।

(फोटो साभार : राजू पुशोला)

You Might Also Like

Uttarakhand leopard behavior : Uttarakhand’s Leopard: The Puzzling Behavior of the Big Cats

पटरियाें पर जल्‍द दौडेगी वंदे भारत स्लीपर ट्रेन

Battlefield Tourism: Feel the Thrill of the ‘Ranbhoomi’ from Gunji to Galwan

बैटलफील्‍ड टूरिज्‍म : गुंजी से गलवान तक महसूस कीजिए ‘ रणभूमि ’ का रोमांच

The Scheme Will Begin in August, Government to Provide Rs 15,000 – Know Why and How

TAGGED: and how these elusive predators are venturing into urban areas., Discover the puzzling behavior of leopards in Uttarakhand, where a population of 3115 is driving a research focus. Learn about the alarming increase in human-leopard conflict, with 535 lives lost since state formation
Web Editor July 28, 2025
Share this Article
Facebook Twitter Copy Link Print
Share
Previous Article 17 New Government Ration Shops Dehradun : दून शहर में खुलीं 17 नई सरकारी राशन दुकानें, हजारों को मिली राहत
Next Article Uttarakhand leopard behavior : Uttarakhand’s Leopard: The Puzzling Behavior of the Big Cats
Leave a comment Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Stay Connected

100 Followers Like
100 Followers Follow
100 Followers Follow
100 Subscribers Subscribe
4.4k Followers Follow
- Advertisement -
Ad imageAd image

Latest News

CM Dhami environmental protection : हरेला पर्व पर रोपे गये आठ लाख से अधिक पौधे
उत्तराखंड July 28, 2025
Kedarnath Valley heli safety : देहरादून के सहस्त्रधारा एवं रुद्रप्रयाग के सिरसी में स्‍थापित होगा एयर ट्रैफिक कंट्रोल
उत्तराखंड July 28, 2025
Dehradun unregistered de-addiction centers : गैर-पंजीकृत नशा मुक्ति केंद्रों पर एक्शन मोड में सरकार, बिना मानकों वाले केंद्र होंगे बंद
स्वास्थ्य July 28, 2025
Uttarakhand leopard behavior : Uttarakhand’s Leopard: The Puzzling Behavior of the Big Cats
Uncategorized July 28, 2025

Recent Posts

  • CM Dhami environmental protection : हरेला पर्व पर रोपे गये आठ लाख से अधिक पौधे
  • Kedarnath Valley heli safety : देहरादून के सहस्त्रधारा एवं रुद्रप्रयाग के सिरसी में स्‍थापित होगा एयर ट्रैफिक कंट्रोल
  • Dehradun unregistered de-addiction centers : गैर-पंजीकृत नशा मुक्ति केंद्रों पर एक्शन मोड में सरकार, बिना मानकों वाले केंद्र होंगे बंद
  • Uttarakhand leopard behavior : Uttarakhand’s Leopard: The Puzzling Behavior of the Big Cats
  • Uttarakhand leopard behavior : उत्‍तराखंड में उलझन में डाल रही गुलदार की “चाल”

साथियों, ये है हिमालय की आवाज. आप सोच रहे होंगे कि इतने पोर्टल के बीच एक और पोर्टल. इसमें क्या अलग है. यूं तो इसमें भी खबर ही होंगी, लेकिन साथ ही होगी हिमालय की आवाज यानी अपनी माटी, अपने गांव गली और चौक की बात. जल-जंगल और जमीन की बात भी. पहाड़ के विकास के लिए हम दमदार आवाज बनेंगे. आप सभी शुभचिंतकों के सहयोग का आकांक्षी. : किरण शर्मा, संस्‍थापक

Most Viewed Posts

  • मक्‍की की वजह से पर्यटन के नक्‍शे पर आया यह गांव (5,590)
  • राज्य में 12 पी माइनस थ्री पोलिंग स्टेशन बनाए गए (5,539)
  • टिहरी राजपरिवार के पास 200 करोड से अधिक की संपत्ति (4,041)
  • कम मतदान प्रतिशत वाले बूथों पर जनजागरूकता में जुटा चुनाव आयोग (3,845)
  • प्रधानमंत्री माेदी और गृह मंत्री शाह जल्‍द आएंगे उत्‍तराखंड (3,759)
Himalaya Ki AwajHimalaya Ki Awaj
Follow US

© 2023 Himalaya Ki Awaj. All Rights Reserved. | Designed By: Tech Yard Labs

Removed from reading list

Undo
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?