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Himalaya Ki Awaj > Blog > उत्तराखंड > Alluvial Fan Uttarakhand : धराली त्रासदी : बेहद खौफनाक है इन एलुवियल फैन की ‘हवा’
उत्तराखंड

Alluvial Fan Uttarakhand : धराली त्रासदी : बेहद खौफनाक है इन एलुवियल फैन की ‘हवा’

Web Editor
Last updated: 2025/08/17 at 10:26 AM
Web Editor
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3 Min Read
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Alluvial Fan Uttarakhand : Dharali Disaster: Understanding Alluvial Fans & Flood Risks in Himalayan Towns

Alluvial Fan Uttarakhand : देहरादून, 17 अगस्‍त 2025 : धराली में आई तबाही जितनी कुदरती थी, उतनी ही मानवीय अनदेखी का नतीजा भी। यही वजह है कि एक विशेष भू संरचना में बसे धराली में पल भर में सब कुछ मलबे में दफन हो गया। इस विशेष संरचना को वैज्ञानिक एलुवियल फैन (Alluvial Fan) कहते हैं। नदी के साथ बहकर आने वाली मिटटी एलुवियल फैन के समतल हिस्‍सेे में जमा हो जाती है और खनिज से भरपूर यह मिटटी बेहद उपजाऊ होती है। धराली और हर्षिल में सेब के बागानों के साथ ही आलू व मटर जैसी फसलों को यही मिटटी पुष्पित-पल्‍लवित करती है।  इस संरचना का सबसे खौफनाक पहलू यह है कि यहां कभी भी अचानक बाढ जैसे हालात पैदा हो सकते हैं और चिंताजनक यह है कि उत्‍तराखंड समेत हिमालयी राज्‍यों के कई गांव, शहर और कस्‍बे ऐसे ही जगह पर बसे हैं।

आइए, जरा पहले एलुवियल फैन को समझते हैं। इसे एलुवियल फैन इसलिए कहा जाता है, क्‍योंकि इसकी आकृति एक पंखे के समान होती है। नाले जैसे आकार में पहाड की बेहद तीखी संकरी ढलानों से होते हुए नदी एक समतल स्‍थान में प्रवेश करती है। नदी के संकरे सिरे को एपेक्स (Apex) और समतल हिस्‍से को एप्रन (Apron) कहा जाता है। इन तीखी संकरी ढलानों में पानी का वेग गोली की रफ्तार जैसा होता है और एप्रन में पहुंचकर यह धीमा हो जाता है। इसी एप्रन में  रेत, सिल्ट और मिटटी आदि जमा होते हैं। ऐसे में एप्रन में या इसके आसपास कोई आबादी हुई तो विनाश तय है।

लंबे समय से ग्‍लेश्यिर पर अध्‍ययन कर रहे देहरादून स्थित वाडिया इंस्‍टीटयूट आफ हिमालयन जियोलोजी (Wadia Institue Of Himalayan Geology) के वरिष्‍ठ वैज्ञानिक डा मनीष मेहता बताते हैं कि एलुवियल फैन जैसी संरचनाएं बाढ की दृष्टि से बेहद संवेदनशील होती हैं। वह बताते हैं कि मंदाकिनी घाटी में अगस्‍त्‍यमुनि, तिलवाडा और फाटा के साथ ही गंगा घाटी में गंगोत्री जैसे शहर इसी तरह की संरचना में बसे हैं।

जाहिर है ये सभी स्‍थान खतरे के मुहाने पर हैं। ऐसे में आवश्‍यकता है जागरू‍क और सजग रहने की। सरकार का दायित्‍व है कि एलुवियल फैन में बसे शहर, कस्‍बे और गांवों की पहचान कर उन्‍हें चिन्‍हित करानें के साथ ही वैज्ञानिकों से उनका अध्‍ययन कराया जाए। अध्‍ययन रिपोर्ट के आधार पर ऐसे शहरों की सुरक्षा के व्‍यापक इंतजााम किए जाने चाहिए। कुदरत पर तो मानव का वश नहीं है, लेकिन सतर्कता से विनाशलीला के प्रभाव को कुछ हद तक कम किया जा सकता है।

 

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TAGGED: " geological formations where many Himalayan towns like Gangotri and Agastyamuni are situated. Learn how these structures increase flood risk and why awareness is crucial for safety., The Dharali tragedy highlights the danger of "Alluvial Fans
Web Editor August 17, 2025
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