Uttarakhand STF Arrests Two Cops for Colluding with Praveen Valmiki Gang
देहरादून, 17 सितंबर 2025 : उत्तराखंड एसटीएफ ने कुख्यात प्रवीण वाल्मीकि गैंग के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए दो पुलिस आरक्षियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इन पर गैंग से सांठ-गांठ, फर्जी दस्तावेजों के जरिये करोड़ों की संपत्ति हड़पने और पीड़ित परिवार को धमकाने के गंभीर आरोप हैं।
यह मामला हरिद्वार जनपद के गंगनहर थाना क्षेत्र के ग्राम सुनेहरा से जुड़ा है। वर्ष 2014 में श्याम बिहारी नामक व्यक्ति की मृत्यु के बाद उनकी करोड़ों की संपत्ति की देखभाल छोटे भाई कृष्ण गोपाल कर रहे थे। वर्ष 2018 में प्रवीण वाल्मीकि गैंग ने इस संपत्ति पर अवैध कब्जा करने की नियत से कृष्ण गोपाल की गोलियों से हत्या कर दी। इसके बाद श्याम बिहारी की पत्नी रेखा संपत्ति संभालने लगीं।
जब रेखा ने भी संपत्ति सौंपने से इनकार किया, तो वर्ष 2019 में गैंग के सदस्य मनीष बॉलर और उसके साथियों ने रेखा के भाई सुभाष पर जानलेवा हमला किया, जिससे पूरा परिवार दहशत में आ गया और रुड़की क्षेत्र छोड़कर अज्ञात स्थान पर जाकर रहने लगा।
पीड़ित परिवार की गैरमौजूदगी का फायदा उठाकर गैंग ने रेखा और कृष्ण गोपाल की पत्नियों के नाम से फर्जी दस्तावेज तैयार किए और फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए संपत्ति को खुर्द-बुर्द कर आगे बेच दिया। इस फर्जीवाड़े में गैंग का सक्रिय सदस्य पंकज अष्टवाल प्रमुख भूमिका में था।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि जांच में खुलासा हुआ कि पुलिस विभाग में कार्यरत दो आरक्षी शेर सिंह और हसन अब्बास जैदी भी इस गैंग से जुड़े थे। शेर सिंह ने 26 अप्रैल 2025 को रुड़की कोर्ट में पीड़ित को प्रवीण वाल्मीकि से मिलवाया। जबकि हसन जैदी ने मार्च 2025 में रेखा के बेटे सूर्यकांत को रुड़की हॉस्पिटल में जाकर धमकाया और संपत्ति बेचने का दबाव बनाया। शेर सिंह हरिद्वार और हसन जैदी सरधना मेरठ का रहने वाला है ।
दोनों आरक्षियों के प्रवीण वाल्मीकि और मनीष बॉलर से कॉल रिकॉर्ड और जेल में मुलाकात के प्रमाण मिले हैं। नवनीत सिंह ने कहा कि इस प्रकरण में अभी और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
