Adi Kailash High Altitude Ultra Run Marathon: 700 Runners Conquer 17,000 Feet in Uttarakhand
पिथौरागढ़, 3 नवंबर 2025 : हिमालय की ऊंची चोटियों के साये में, जहां हवा भी सांसों की परीक्षा लेती है—वहां 700 धावकों ने आज सीमाओं और साहस दोनों को लांघ दिया। आदि कैलाश में राज्य की पहली हाई एल्टीट्यूड अल्ट्रा रन मैराथन का आयोजन हुआ, जिसने 10 हजार से 17 हजार फीट की ऊंचाई तक दौड़ते हुए उत्तराखंड के पर्वतीय साहस को नई पहचान दी।
राज्य स्थापना की रजत जयंती वर्ष के अवसर पर आयोजित 60 किलोमीटर लंबी इस मैराथन में देश के 22 राज्यों से धावकों ने भाग लिया। बर्फ से ढकी चोटियों, ऊबड़-खाबड़ मार्ग और शून्य से नीचे तापमान के बीच प्रतिभागियों ने अद्भुत जज्बा और ऊर्जा दिखाई। आईटीबीपी और भारतीय सेना ने ट्रैक की सुरक्षा और मार्गदर्शन में अहम भूमिका निभाई। धावकों ने कहा—“यह सिर्फ एक रेस नहीं, बल्कि जीवन का सबसे यादगार अनुभव था।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदि कैलाश दर्शन के बाद इस क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं। अब यह आयोजन शीतकालीन व साहसिक पर्यटन को नई दिशा देने वाला साबित हो रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “आदि कैलाश की इस अल्ट्रा रन ने न केवल साहस और समर्पण की मिसाल पेश की है, बल्कि सीमांत क्षेत्रों को एडवेंचर टूरिज्म का वैश्विक गंतव्य बनाने की दिशा में यह ऐतिहासिक कदम है।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप राज्य सरकार हिमालयी और शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सतत प्रयासरत है।
इस अवसर पर पर्यटन सचिव धीराज सिंह गर्बियाल ने कहा कि व्यास घाटी में नेटवर्क, सड़क और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं को शीघ्र पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा, “यह आयोजन सीमांत क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास में पर्यटन की नई उम्मीद जगाने वाला है।”
गुंजी की ग्राम प्रधान आईजी विमला गुंज्याल ने कहा कि इस आयोजन से सीमांत गांवों में पर्यटन की नई संभावनाएं खुली हैं। उन्होंने सरकार और पर्यटन विभाग का आभार जताते हुए कहा कि यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने’ की नीति को साकार कर रहा है।
हजारों स्थानीय लोगों की मौजूदगी में पर्वतीय साहस का यह पर्व इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया।
