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Himalaya Ki Awaj > Blog > उत्तराखंड > गढ़वाल में सबसे ज्यादा आक्रामक हैं भालु
उत्तराखंड

गढ़वाल में सबसे ज्यादा आक्रामक हैं भालु

Web Editor
Last updated: 2025/11/25 at 6:33 PM
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3 Min Read
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Rising Bear Attacks in Garhwal: 58 Injured, 5 Dead in Uttarakhand This Year

देहरादून, 26 नवंबर 2025। राज्य में गुलदार के हमलों के बीच भालुओं ने भी अपने खतरनाक तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। हालात इतने चिंताजनक हो चुके हैं कि पूरे उत्तराखंड में जानवरों से सबसे ज्यादा खतरा अब भालुओं से देखने को मिल रहा है। वन विभाग के आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में इस वर्ष जनवरी से अब तक भालू के हमलों में 69 लोग घायल हुए और पांच लोगों की जान चली गई। हैरानी की बात यह है कि इनमें से 58 घायलों और सभी मौतों के मामले सिर्फ गढ़वाल मंडल से सामने आए हैं। कुमाऊं में भालू हमलों के केवल 11 मामले दर्ज हुए हैं।

गढ़वाल क्षेत्र में चमोली, पौड़ी और रुद्रप्रयाग ज़िले इस खतरे के बड़े केंद्र बन गए हैं। चमोली में 22, पौड़ी में 18 और रुद्रप्रयाग में 14 लोग भालुओं की हिंसा का शिकार हुए हैं। भोजन की तलाश में गांवों की ओर भटकते भालू अचानक घरों और खेतों में पहुंच जाते हैं। ऐसे में ग्रामीणों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। शाम होते ही गांवों में भय का माहौल छा जाता है।

स्थिति को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वन विभाग को त्वरित और प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि गढ़वाल में क्विक रिस्पांस टीमों की अतिरिक्त तैनाती, गश्त बढ़ाने और ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान तेज करने के उपाय किए जा रहे हैं।

प्रमुख सचिव वन आर.के. सुधांशु ने कहा कि कैमरा ट्रैप और पगमार्क के जरिए भालू गतिविधि वाले क्षेत्रों की लगातार निगरानी की जा रही है। विभाग प्रतिदिन अपनी कार्रवाई की रिपोर्ट शासन को भेज रहा है।

वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि यह समस्या तात्कालिक नहीं, बल्कि लंबे समय से बढ़ती जा रही है। यदि समय रहते स्थायी समाधान नहीं ढूंढ़ा गया, तो आने वाले दिनों में भालुओं का खतरा और भी भयावह रूप ले सकता है। वहीं, ग्रामीणों की उम्मीद सरकार से है कि जल्द से जल्द उन्हें इस डर से राहत मिले।


 ज़िले बने हॉटस्पॉट

  • चमोली : 22 घायल
  • पौड़ी गढ़वाल : 18 घायल
  • रुद्रप्रयाग : 14 घायल

 

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Web Editor November 25, 2025
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