वाशिंगटन : ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर अमेरिका के बी 2 बम वर्षकों ने भले ही बंकर बस्टर बम गिराए हों, लेकिन अमेरिकी खुफिया एजेंसी भी इस पर एकमत नहीं हैं कि तेहरान के पास अब परमाणु बम बनाने की क्षमता नहीं रही। अमेरिका के एक प्रारंभिक खुफिया आकलन में कहा गया है कि सप्ताहांत में ईरानी परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमलों से तेहरान के कार्यक्रम में केवल कुछ महीनों की देरी हुई है। प्रारंभिक रिपोर्ट रक्षा खुफिया एजेंसी द्वारा तैयार की गई थी, जो पेंटागन की मुख्य खुफिया शाखा है और 18 अमेरिकी खुफिया एजेंसियों में से एक है।
बीते दिनों अमरिकी उप राष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी कहा था कि संभवत ईरान के संवर्धित यूरेनियम का कुछ भाग सुरक्षित करने में कामयाब रहा। हालांकि बाद में उन्होंने भी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सुर में सुर मिला लिए थे। बताया जा रहा है कि खुफिया एजेसियों के आकलन में पाया गया कि ईरान कुछ ही महीनों में अपने परमाणु कार्यक्रम को फिर से शुरू कर सकता है। हालांकि अनुमान जताया गया कि इसे फिर से शुरू होने में एक से दो महीने लग सकते हैं।
ट्रम्प प्रशासन ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि उसके हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को “नष्ट” कर दिया है।इस पर प्रतिक्रिया देते हुए व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने कहा कि “हर कोई जानता है कि जब आप चौदह 30,000 पाउंड के बमों को उनके लक्ष्यों पर पूरी तरह से गिराते हैं तो क्या होता है: कुल विनाश,”। मूल्यांकन को पढ़ने वाले एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि इसमें कई चेतावनियाँ और “अगर” शामिल हैं और कहा कि आने वाले दिनों और हफ़्तों में एक अधिक परिष्कृत रिपोर्ट आने की उम्मीद है। ईरान ने इस बात से इनकार किया है कि वह ऐसा कोई हथियार बनाने की कोशिश कर रहा है और कहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस सप्ताह कांग्रेस को बताया था कि अमेरिका द्वारा बमबारी किए गए ईरानी स्थलों पर ‘परमाणु हथियार विकास कार्यक्रम’ चल रहा था, हालांकि अमेरिकी जासूसी एजेंसियों ने कहा है कि ऐसा कोई कार्यक्रम अस्तित्व में नहीं था।