तीन जुलाई से शुरू होने वाली यात्रा के लिए एक जुलाई से होंगे आफलाइन पंजीकरण
नई दिल्ली : तीन जुलाई से शुरू होने जा रही पवित्र अमरनाथ यात्रा की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। पहलगाम हमले के करीब करीब ढाई माह बाद होने जा रही यात्रा के लिए सुरक्षा के कडे इंतजाम किए गए हैं। सीआरपीएफ ने निगरानी बढ़ा दी है। संवेदनशील जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर जवानों के साथ ही डाग स्क्वायड तैनात किए गए हैं । हजारों तीर्थयात्रियों द्वारा उपयोग किया जाने वाला प्रमुख मार्ग, और उधमपुर सेक्टर जैसे संवेदनशील हिस्सों पर विशेष ध्यान देते हुए राजमार्ग पर गश्त को मजबूत किया है। यात्रा के लिए एक जुलाई से ऑफलाइन पंजीकरण भी शुरू हो जाएगा।
यात्रा की तैयारियों पर रामबन जिले के एडीसी रामबन वरुणजीत सिंह ने बताया कि शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा के आधार शिविर बालटाल में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इस बीच देशभर से संत जम्मू के राम मंदिर में पहुंचने लगे हैं। राम मंदिर के पुजारी महंत रामेश्वर दास कहते हैं, “अमरनाथ यात्रा जल्द ही शुरू होने वाली है। देशभर के संतों के लिए यात्रा, पंजीकरण, भोजन आदि ।की सुविधा जम्मू के राम मंदिर में दी गई है।”
तीर्थयात्रियों के पहलाा जत्था दो जुलाई को जम्मू बेस कैंप से रवाना किया जाएगा, जबकि आधिकारिक तौर पर यात्रा 3 जुलाई को बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों से शुरू होगी। बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों मॉक ड्रिल की गई है। अभ्यास पिस्सू टॉप, महागुनस टॉप और सांगा टॉप पर माउंटेन रेस्क्यू टीम द्वारा किए गए। 38 दिनों तक चलने वाली यह यात्रा 3 जुलाई को दो मार्गों से शुरू होने वाली है, अनंतनाग जिले में पारंपरिक 48 किलोमीटर का पहलगाम मार्ग और गंदेरबल जिले में छोटा लेकिन अधिक ढलान वाला 14 किलोमीटर का बालटाल मार्ग, जो 3,880 मीटर ऊंचे पवित्र गुफा मंदिर अमरनाथ तक जाता है।
जम्मू, कठुआ, सांबा, उधमपुर और रामबन जिलों में 52 लंगर और 60 आरएफआईडी केंद्र बनाए गए हैं व जम्मू स्थित सरस्वती धाम में एक टोकन केंद्र बनाया गया है। यात्रा को रेलवे के माध्यम से अनुमति नहीं दी जाएगी। सड़क मार्ग से ही सभी यात्री जत्थे रवाना होंगे। पवित्र यात्रा से संबंधित जानकारी कंट्रोल रूम से ली जा सकेगी।