भगवानपुर: हरिद्वार जिले के भगवानपुर क्षेत्र में होटल के बाहर से हुई कार चोरी का मास्टरमाइंड खुद कार का स्वामी अंबाला सेंट्रल जेल का डिप्टी जेलर निकला। भगवानपुर थाना पुलिस का कहना है कि आरोपित डिप्टी जेलर ने यह साजिश कार के इंश्योरेंस का क्लेम पाने के लिए रची थी। इसमें उनके रिश्तेदार भी शामिल थे। पुलिस ने कार को मंडावर से लावारिस हालत में बरामद किया है।
पुलिस के मुताबिक, इसी दो दिसंबर को पवन कुमार निवासी गोहना, थाना बरोदा, सोनीपत (हरियाणा) ने कार चोरी की तहरीर दी थी। इसमें उसने बताया कि एक दिसंबर की रात वह अपने बहनोई यश हुड्डा जोकि अंबाला सेंट्रल जेल के डिप्टी जेलर हैं, की कार लेकर हरिद्वार जा रहा था। रात में पवन और कार का चालक सुमित भगवानपुर के होटल फ्लोरा में रुके। कार होटल के बाहर खड़ी थी। रात में दो लोग बाइक से आए और उनमें से एक कार लेकर फरार हो गया।
भगवानपुर थाना प्रभारी निरीक्षक रमेश तनवार ने बताया कि यह घटना होटल के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी। उसकी फुटेज खंगाली गई तो आरोपितों की पहचान दुष्यंत निवासी किशनपुरा, पीपली, कुरुक्षेत्र और प्रमेंद्र चैहल निवासी गंगाना, सोनीपत (हरियाणा) के रूप में हुई। आगे की छानबीन में पता चला कि घटना वाली रात कार चालक सुमित और दुष्यंत की लगातार बात हो रही थी। ऐसे में शक की सुई सुमित की तरफ घूमी। पुलिस ने इस दिशा में जांच शुरू की तो पता चला कि घटना वाली रात कार स्वामी डिप्टी जेलर भी हरिद्वार में थे और पवन, सुमित व दुष्यंत के संपर्क में थे। इसके बाद सुमित और दुष्यंत को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो साजिश का पर्दाफाश हुआ।
निरीक्षक रमेश तनवार ने बताया कि पुलिस ने चोरी हुई कार गुरुवार शाम भगवानपुर के मंडावर क्षेत्र से बरामद कर ली। सुमित और दुष्यंत ने पूछताछ में बताया कि यह साजिश डिप्टी जेलर ने कार के इंश्योरेंस का क्लेम पाने के लिए रची थी, जिसमें पवन के साथ दुष्यंत और प्रमेंद्र चैहल भी शामिल थे।
निरीक्षक रमेश तनवार के मुताबिक, डिप्टी जेलर यश हुड्डा ने लगभग दो माह पहले यह साजिश रची थी। यही नहीं, जिस कार के इंश्योरेंस का क्लेम लेने के लिए साजिश रची गई, उसे हुड्डा ने कुछ समय पहले कबाड़ में कटवा दिया था। निरीक्षक रमेश तनवार ने बताया कि पहले हुड्डा के पास निशान कंपनी की कार थी। उसे कबाड़ में कटवाने के बाद हुड्डा ने एक परिचित से हादसे में क्षतिग्रस्त उसकी रिनोल्ट कंपनी की कार औने-पौने दाम पर खरीद ली। इस कार में पुरानी कार की नंबर प्लेट लगा ली। साथ ही फाइनेंस कंपनी के एक कर्मचारी की मदद से पुरानी कार का इंश्योरेंस कराया और उसका क्लेम वसूलने के लिए भगवानपुर में कार चोरी की झूठी शिकायत दर्ज कराई।