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Himalaya Ki Awaj > Blog > उत्तराखंड > सहस्त्रताल में फंसे पांच और ट्रैकरों की मौत, अब तक 09 ट्रैकरों की गई जान, बचाव अभियान जारी
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सहस्त्रताल में फंसे पांच और ट्रैकरों की मौत, अब तक 09 ट्रैकरों की गई जान, बचाव अभियान जारी

Web Editor
Last updated: 2024/06/05 at 7:01 AM
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4 Min Read
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देहरादूनः उत्तरकाशी-टिहरी जनपद की सीमा पर करीब 14500 फीट की ऊंचाई पर स्थित सहस्त्रताल में फंसे कर्नाटक, महाराष्ट्र के पांच और ट्रैकरों की मौत हो गई है। अब तक 09 ट्रैकरों की जान जा चुकी है। वहीं दस ट्रैकरों को एयरलिफ़्ट कर सुरक्षित निकाला जा चुका है।

Contents
रेस्क्यू जारीदूसरा बड़ा हादसानिम से भी रवाना होगी बैकप टीम

29 मई को एक 22 सदस्यीय दल मल्ला-सिल्ला से कुश कुल्याण बुग्याल होते हुए सहस्त्रताल की ट्रैकिंग के लिए निकला था। यहां चार ट्रैकर की ठंड लगने से मौत हो गई। 18 ट्रैकर वहां फंसे थे, इनमें से आज चार ट्रैकर की और मौत हो गई। जिला प्रशासन के अनुरोध पर वायु सेना के दो चेतक हेलिकॉप्टर अभियान में लगाए गए हैं। दस ट्रैकर को सुरक्षित लाया जा चुका है।

रेस्क्यू जारी

जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया है कि सहस्त्रताल की ट्रैकिंग रुट पर फंसे ट्रैकर्स को रेस्क्यू करने के लिए एसडीआरएफ व वन विभाग के रेस्क्यू दल अलग-अलग दिशाओं से घटना स्थल के लिए गए हैं। वन विभाग की दस सदस्यों की रेकी व रेस्क्यू टीम सिल्ला गांव से आगे गई है। जबकि जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से एसडीआएफ के दल ने भी टिहरी जिले के बूढ़ाकेदार की तरफ से रेस्क्यू शुरू किया।

इस रेस्क्यू अभियान के समन्वय में जुटे पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने बताया कि एसडीआरएफ की माउंटेनियरिंग टीम भी देहरादून से हेलिकॉप्टर से एरियल रैकी के लिए गई है। साथ ही सहस्त्रताल ट्रेक रुट पर फंसे ट्रैकर्स को निकालने के लिए वायु सेवा के द्वारा भी सर्च एवं रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है।

दूसरा बड़ा हादसा

वर्ष 2022 में हुए निम के द्रौपदी का डांडा हिमस्खलन हादसे के बाद दूसरा बड़ा हादसा। उस हादसे में 28 पर्वतारोहियों की हिमस्खलन की चपेट में आने से मौत हुई थी। हादसे के बाद से एक व्यक्ति आज भी लापता है।

निम से भी रवाना होगी बैकप टीम

जिला अस्पताल उत्तरकाशी और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भटवाड़ी को अलर्ट पर रखा गया है। आईटीबीपी मातली से भी 14 रेस्क्यूअर्स और एक डॉक्टर को भेजा गया है। एनआईएम से भी बैक अप टीम रवाना की गई है। रेस्क्यू अभियान को लेकर जिले का आपदा कंट्रोल रूम मंगलवार शाम से ही निरंतर सक्रिय है। कंट्रोल रूम को मिली जानकारी के अनुसार टिहरी जिला प्रशासन द्वारा भी हेली रेस्क्यू के लिए अरदंगी हैलीपेड को अलर्ट मोड पर रखा गया है। जहां पर एंबुलेंस टीम, लोनिवि व पुलिस की टीम तैनात की गई है। खोज बचाव के लिए टिहरी से भी वन विभाग, एसडीआरएफ पुलिस व स्थानीय लोगों की टीम रवाना की जा रही हैं, जोकि घनसाली के पिंस्वाड से पैदल रवाना होगी।

जानें पूरा मामला

29 मई को एक 22 सदस्यीय दल मल्ला-सिल्ला से कुश कुल्याण बुग्याल होते हुए सहस्त्रताल की ट्रैकिंग के लिए निकला था। दो जून को यह दल सहस्त्रताल के कोखली टॉप बेस कैंप पहुंचा। तीन जून को वह सहस्त्रताल के लिए रवाना हुए। वहां अचानक मौसम खराब होने, घने कोहरे और बर्फबारी के बीच ट्रैकर फंस गए। पूरी रात उन्हें ठंड में बितानी पड़ी। ट्रैकर्स में से किसी ने इसकी सूचना दल को ले जाने वाली गढ़वाल माउंटनेरिंग एवं ट्रैकिंग एजेंसी के मालिक को दी। बताया कि ठंड लगने से चार ट्रैकर की मौत हो गई है जबकि सात की तबीयत खराब है और 11 वहां फंसे हुए हैं। ट्रैकिंग टीम में कर्नाटक के 18, महाराष्ट्र का एक और तीन स्थानीय लोग शामिल थे। एसडीआरएफ रेस्क्यू के लिए रवाना हो चुकी हैं।

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TAGGED: Five more trackers trapped in Sahastratal died, rescue operation continues, so far 09 trackers have lost their lives
Web Editor June 5, 2024
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