दुनिया में लगातार बढ रही गर्मी से वैज्ञानिक भी बेचैन हैं। बढता तापमान उनकी चिंता का सबब बना हुआ है। वैज्ञानिकों के अनुसार पिछले तीन दिन संभवतः पृथ्वी के आधुनिक इतिहास में सबसे गर्म दिन थे, क्योंकि दुनिया भर में गर्मी की आश्चर्यजनक वृद्धि ने उत्तरी अमेरिका से अंटार्कटिका तक तापमान के रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि गर्मी में बढ़ोतरी का आलम यह है कि जून पृथ्वी पर अब तक का सबसे गर्म माह दर्ज किया गया,दिन में चल रही लू टेक्सास, मैक्सिको और भारत को झुलसा रही थीं। अंटार्कटिका के तटों पर, इस वर्ष समुद्री बर्फ का लेवल रिकॉर्ड स्तर तक गिर गया है।
मंगलवार को, वैश्विक औसत तापमान 62.6 डिग्री फ़ारेनहाइट या 17 सेल्सियस तक चढ़ गया, जिससे यह कम से कम 1940 के बाद से पृथ्वी का सबसे गर्म दिन बन गय। तापमान में तेज उछाल उन वैज्ञानिकों को भी परेशान कर रहा है जो जलवायु परिवर्तन पर नज़र रख रहे हैं।
आगेे और अधिक गर्मी आने की आशंका है। यह बढ़ोतरी तब हुई है जब पूर्वानुमानकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि पृथ्वी दो मुख्य कारकों से प्रेरित असाधारण गर्मी की बहुवर्षीय अवधि में प्रवेश कर सकती है। गैसों का निरंतर उत्सर्जन, जो मुख्य रूप से मनुष्यों द्वारा तेल, गैस और कोयला जलाने के कारण होता है; और अल नीनो की वापसी, एक चक्रीय मौसम पैटर्न। इन सब ने धरती के तापमान का संतुलन बिगाड दिया है।
(न्यूयार्क टाइम्स से साभार)