देहरादून : संजय ऑर्थोपीडिक स्पाइन एवं मैटरनिटी सेंटर दून विहार, जाखन, राजपुर रोड, देहरादून एवं सेवा सोसाइटी द्वारा आयोजित सड़क सुरक्षा व्याख्यान की कड़ी में राष्ट्रीय हड्डी एवं जोड़ सप्ताह के कार्यक्रम के अंतर्गत सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम के ऊपर आई.टी.आई.टी.आई. झाझरा, देहरादून में जन जागरूकता व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
आइटीआइटीआइ प्रदेश की एक ऐसी संस्था है जो देश के कोने-कोने से आए हुए जनजाति के बच्चों को शिक्षा दे रही है और इन बच्चों के भविष्य को उज्जवल करने के लिए अपना योगदान दे रही है। कार्यक्रम में आए हुए सभी अतिथियों का संस्था के अध्यक्ष पूर्व सांसद श्री तरुण विजय जी ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पद्मश्री से सम्मानित ऑर्थोपीडिक सर्जन डॉ. बी. के. एस. संजय एवं विशिष्ट अतिथि आई.टी.डी.आर. के निदेशक श्री आशीष शुक्ला एवं दूसरे विशिष्ट अतिथि इंडिया और इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड होल्डर ऑर्थोपीडिक सर्जन डॉ. गौरव संजय का स्वागत किया एवं आभार प्रकट किया कि उन्होंने सभी बच्चों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. बी. के. एस. संजय ने कहा कि ओवरस्पीडिंग, ओवरटेकिंग, ओवरलोडिंग, शराब का सेवन एवं वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का उपयोग सड.क दुर्घटनाओं के मुख्य कारण हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 90% दुर्घटनाएं वाहन चालकों की लापरवाही के कारण होती हैं। सड़क पर चलने वाले हर व्यक्ति को सड़क यातायात के नियमों का पालन करना चाहिए। इंडिया एवं इंटरनेशनल बुक रिकॉर्ड होल्डर ऑर्थोपीडिक सर्जन डॉ. गौरव संजय ने कहा कि दुपहिया वाहन में हेलमेट का और चार पहिया वाहन में सीट बेल्ट का प्रयोग करना चाहिए। हेलमेट आई.एस.आई. प्रमाणित होना चाहिए और हेलमेट पहनते वक्त स्ट्रीप हमेशा लगानी चाहिए।
कार्यक्रम के दूसरे विशिष्ट अतिथि आई.टी.डी.आर. के निदेशक ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं की खबर आजकल हर अखबार में आम हो गई हैं और उन्होंने कहा कि यह सिर्फ ड्राइवरों की ही जिम्मेदारियां नहीं है कि वह सड़क यातायात के नियमों का पालन करें बल्कि यह सड़क पर चलने वाले हर व्यक्ति की, चाहे वह पैदल हो, साइकिल पर हो या किसी वाहन पर हो यह सबकी जिम्मेदारी है।
कार्यक्रम में आए हुए सभी अतिथियों एवं संस्था के अध्यक्ष पूर्व सांसद श्री तरुण विजय ने हमारे देश के केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री एवं प्रधानमंत्री जी से अपील की कि ऐसी गाड़ियां जिनकी स्पीड 250 से 300 किमी. प्रति घंटा है ऐसे वाहनों को सड़क पर चलने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए और जो चालक निर्धारित गति से ज्यादा गति से गाड़ी चलाते हैं, ऐसे चालकों के प्रति कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए।