नई दिल्ली : आज से तीन सप्ताह बाद देश आजादी के 78वीं वर्षगांठ मनाने की तैयारी कर रहा है। यह गौरव की बात है कि आजादी के संघर्ष में अपना जीवन और जवानी दांव पर लगाने वाले 13212 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का सानिध्य आज भी देश को मिल रहा है। इनमें से सर्वाधिक 3017 तेलंगाना, 1543 महाराष्ट्र और सबसे कम मिजोरम में एकमात्र स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जीवित हैं। उत्तराखंड में यह आंकडा 178 है।
लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री संजय कुमार यह जानकारी देते हुए बताया कि स्वतंत्रता सैनिक सम्मान योजना (एसएसएसवाई) के अंतर्गत 13212 पेंशनभोगी अब भी जीवित हैं और एसएसएसवाई सम्मान पेंशन प्राप्त कर रहे हैं। वहीं 9778 विधवाएँ (पति/पत्नी) भी एसएसएसवाई सम्मान पेंशन प्राप्त कर रही हैं।