CM Dhami Inaugurates Asian Cadet Fencing Cup in Haldwani | Uttarakhand Sports
मुख्यमंत्री धामी ने हल्द्वानी में किया एशियन कैडेट फेंसिंग कप का उद्घाटन
हल्द्वानी, 20 सितंबर 2025: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को हल्द्वानी के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम गौलापार में आयोजित एशियन कैडेट फेंसिंग कप का भव्य शुभारंभ किया। इस पाँच दिवसीय प्रतियोगिता में एशिया के 17 देशों के लगभग 250 युवा खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं, जिनमें से 150 भारत के हैं। मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्वलित कर प्रतियोगिता की शुरुआत की और सभी खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाया।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री धामी ने खिलाड़ियों को अनुशासन, परिश्रम और सकारात्मक सोच के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि ये गुण उन्हें न केवल खेल में, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में सफलता दिलाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयासरत है। उन्होंने “मुख्यमंत्री खेल विकास निधि”, “खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना” और “खेल किट योजना” जैसी सरकारी योजनाओं का उल्लेख किया और बताया कि खिलाड़ियों को सम्मान देने के लिए 4% खेल कोटा भी फिर से लागू किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड ने हाल ही में राष्ट्रीय खेलों में 103 पदक जीतकर सातवाँ स्थान हासिल किया है, और अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 517 करोड़ रुपये की लागत से विश्वस्तरीय खेल इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा रहा है। उन्होंने जल्द ही “स्पोर्ट्स लेगेसी प्लान” लागू करने की घोषणा की, जिसके तहत आठ प्रमुख शहरों में 23 खेल अकादमियां स्थापित की जाएंगी।
फेंसिंग के खेल की लोकप्रियता का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने भवानी देवी जैसी खिलाड़ियों की सफलता को इसका श्रेय दिया और उम्मीद जताई कि भारतीय खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नए कीर्तिमान स्थापित करेंगे। उन्होंने हल्द्वानी में राज्य के पहले खेल विश्वविद्यालय और महिला स्पोर्ट्स कॉलेज की स्थापना के लिए भी सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय फेंसिंग महासंघ के महासचिव राजीव मेहता ने बताया कि प्रतियोगिता 23 सितंबर तक चलेगी। इसमें तजाकिस्तान, सीरिया, मलेशिया, श्रीलंका, थाईलैंड और इंडोनेशिया जैसे देशों के खिलाड़ी शामिल हो रहे हैं। इस कार्यक्रम में कई विधायक, जनप्रतिनिधि और खेल प्रेमी भी मौजूद थे।
क्या होता है ‘फेंसिंग’…
फेंसिंग असल में तलवारबाज़ी का आधुनिक खेल है। इसमें खिलाड़ी हाथ में हल्की तलवार जैसी स्टील की तलवार लेकर आमने-सामने मुकाबला करते हैं। दोनों खिलाड़ियों के बीच एक निश्चित दूरी होती है और वे कोशिश करते हैं कि तलवार की नोक या धार से तय नियमों के अनुसार सामने वाले को टच करें। हर सही टच पर अंक मिलते हैं। ये खेल बिल्कुल असली लड़ाई जैसा नहीं होता, बल्कि इसमें सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाता है। खिलाड़ी खास सफेद सुरक्षा ड्रेस, मास्क और दस्ताने पहनते हैं ताकि चोट न लगे। मुकाबला इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम से जुड़ा होता है, जिससे यह साफ पता चल जाता है कि किसने अंक बनाया। यह खेल यूरोप से आया, लेकिन अब धीरे-धीरे भारत में भी लोकप्रिय हो रहा है।
फेंसिंग में तीन तरह की तलवारें और उनके हिसाब से तीन खेल खेले जाते हैं।
1. फॉइल (Foil)
इसमें इस्तेमाल होने वाली तलवार हल्की और पतली होती है। खिलाड़ी सिर्फ तलवार की नोक (point) से ही अंक बना सकते हैं। अंक तभी मिलेगा जब आप सामने वाले के धड़ (chest, पीठ और पेट वाला हिस्सा) को छूते हैं। यह सबसे बुनियादी और “सीखने वाली” कैटेगरी मानी जाती है।
2. एपी (Épée)
यह तलवार फॉइल से थोड़ी भारी होती है। इसमें भी सिर्फ नोक (point) से अंक बनता है। खास बात यह है कि पूरा शरीर लक्ष्य होता है। यानी सिर से लेकर पैर तक कहीं भी टच करने पर अंक मिल जाता है। इसमें खिलाड़ी बहुत सावधानी से खेलते हैं, क्योंकि एक छोटी सी चूक भी अंक में बदल सकती है।
3. सेबर (Sabre)
यह तलवार थोड़ी चौड़ी और हल्की होती है। इसमें नोक के साथ-साथ धार (edge) से भी अंक बनाया जा सकता है।
इसमें कमर से ऊपर तक का पूरा हिस्सा (सिर, हाथ, धड़) आता है जिसमें तलवार से टच करके अंक मिलते हैं। यह सबसे तेज़ और रोमांचक फॉर्म है, क्योंकि इसमें वार और बचाव बहुत जल्दी-जल्दी होते हैं।