देहरादून : आधुनिक दौर में पढने और पढाने के तौर तरीकों में व्यापक बदलाव आया है। जाहिर है इसका असर परीक्षाओं पर भी होगा। परीक्षा में नंबर देने में भी उदारता बरती जा रही है। सोचिए क्या आज से 80 वर्ष पहले भी ऐसा ही था। सेवानिवृत्त आइएस अधिकारी बदरीलाल स्वर्णकार ने अपने टिविटर पर वर्ष 1943 का प्रश्नपत्र साझा किया है। पांचवी कक्षा के इस प्रश्नपत्र में कुल 10 सवाल हैं, इन्हें हल करने के लिए ढाई घंटे का वक्त दिया गया है, लेकिन सच है कि इन प्रश्नों को हल करने में आपके भी छक्के छूट जाएंगे।
अब जरा सवालों पर गौर कीजिए। ये इतने मुश्किल हैं कि इसका जवाब आज अच्छे अच्छे लोगों को भी पसीना आ जाए। एक बानगी ‘एक व्यापारिक पत्र लिखो जिसमें बाजार भाव मंगाओ।’ एक अन्य सवाल, ‘राम के घर में 2 साल, 3 महीने और 18 दिन में कितना आटा खर्च होता है?’ एक अन्य सवाल पूछा गया है, ‘सोने के भाव के बारे में तो कागज के भाव के बारे में भी सवाल किया गया है।’
प्रश्न पत्र में 10 सवालों में से आठ प्रश्न अनिवार्य रूप से करने हैं। सोचिए जब पांचवीं का यह हाल है तो 10वीं की बोर्ड परीक्षा में क्या होता होगा।