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Himalaya Ki Awaj > Blog > क्राइम > दून में हुई थी आतंकी हारिस की स्‍कूलिंग
क्राइम

दून में हुई थी आतंकी हारिस की स्‍कूलिंग

Web Editor
Last updated: 2024/03/22 at 4:49 AM
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6 Min Read
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देहरादून : असम में साथी अनुराग संग गिरफ्त में आए आतंकी संगठन ISIS (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया) के इंडिया चीफ हारिस फारूकी की स्कूलिंग दून में हुई। उसने 10वीं तक की पढाई देहरादून से की। इसके बाद वर्ष 2012 में वह आगे की पढाई के लिए अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) चला गया। 12वीं के बाद उसने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयूं) में दाखिला लिया और केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। इसके बाद वह अलीगढ़ में ही छात्रों को ट्यूशन देने लगा। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक ट्यूशन की आड़ में वह आतंकी गतिविधियों में संलिप्त हो गया था। हारिस को आतंकी संगठनों से फंडिंग मिलने की बात भी सामने आई है और उसने आईईडी ब्लास्ट की ट्रेनिंग भी ली थी। यह ऐसा खतरनाक बम होता है, जिसमें घातक और आग लगाने वाले केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है।

हारिस व उसके साथियों के विरुद्ध महाराष्ट्र की पुणे पुलिस ने गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) में भी मुकदमा दर्ज किया हुआ है। जुलाई-2023 में महाराष्ट्र की पुणे पुलिस ने बाइक चोरी में एक गिरोह का पर्दाफाश किया था, जिसके तार आतंकी संगठन आइएसआइएस से जुड़े हुए थे। इसी दौरान हारिस फारुकी का नाम भी सामने आया। यह भी पता चला था कि वह बम ब्लास्ट की साजिश रच रहा है। इसके बाद पुणे पुलिस की ओर से हारिस व उसके साथियों के विरुद्ध दर्ज मुकदमे में यूएपीए की धारा भी जोड़ी गई। साथ ही मामला जांच के लिए एनआइए को स्थानांतरित कर दिया गया। अक्टूबर-2023 के दौरान दिल्ली स्पेशल सेल ने एसआइ से जुड़े आतंकियों को गिरफ्तार किया था। तब भी हारिस फारूकी का नाम सामने आया। दिल्ली स्पेशल सेल ने हारिस के विरुद्ध अलग से मुकदमा दर्ज किया। दिसंबर-2023 में यूपी एटीएस ने एक आतंकी माड्यूल पकड़ा, जिसमें अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुछ छात्रों को गिरफ्तार किया गया था।उस दौरान भी हारिस फारूकी का नाम सामने आया। इस पर यूपी एटीएस ने भी उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया। पुणे पुलिस के बाद एनआइए और यूपी एटीएस लगातार हारिस की तलाश में दबिश दे रही थी।

हारिस फारूकी का परिवार लक्खीबाग के पास सिंघल मंडी क्षेत्र में रहता है। हारिस के पिता अजमल फारुकी नगर निगम देहरादून में हकीम के पद पर कार्यरत थे, जो वर्ष 2018 में सेवानिवृत्त हो गए थे। इसके बाद अजमल ने नगर निगम परिसर के सामने ही बने कांपलेक्स में शाफी दवाखाना नाम से दुकान खोल ली। गुरुवार को उनका दवाखाना बंद रहा। जब इस संबंध में अजमल फारुकी से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कोई भी बात करने से मना कर दिया। अजमल फारुकी की छह संतानों में हारिस दूसरे नंबर पर है। उसका बड़ा भाई ग्राफिक्स व बिल्डिंग निर्माण, हारिस से छोटा एक भाई हैदराबाद से पीएचडी कर रहा है, जबकि तीसरा देहरादून में रहकर एनआइटी की तैयारी कर रहा है। उसकी दो बहनों में से एक अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर रही है और दूसरी देहरादून में ही एक स्कूल में पढ़ती है। हारिस शादीशुदा है और उसकी पत्नी बिहार की निवासी है। पत्नी भी हारिस के साथ अलीगढ़ में रह रही थी। हालांकि, हारिस का परिवार मूलत: प्रतापनगर उत्तर प्रदेश से संबंधित है। दून पुलिस को जांच में पता चला कि वर्ष 1950 में हारिस के पिता अजमल फारूकी परिवार समेत देहरादून आ गए। इसके बाद काफी समय तक अलग-अलग जगह किराए के मकान में रहे और करीब 30 वर्ष पूर्व सिंघल मंडी में अपना मकान बना लिया।

हारिस फारुकी का नाम आइएस से जुड़ने के बाद केंद्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) गोपनीय ढंग से लगातार उसके देहरादून निवासी परिजनों के संपर्क में थी। बताया गया कि अक्टूबर-2023 में भी एनआइए की टीम ने फारूकी के घर पहुंचकर परिजनों से पूछताछ की थी। क्योंकि, हारिस जब जून में बकरीद पर घर आया था तो वह हाथ नहीं लग पाया था। तभी से जांच एजेंसियों की निगाह हारिस के घर पर थी। इस वर्ष जनवरी में अयोध्या में श्रीरामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर भी हारिस एनआइए व यूपी एटीएस के निशाने पर था। वहीं, हारिस की गिरफ्तारी के बाद दून पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स की टीमें भी हारिस के स्वजनों से पूछताछ कर उनके बैंक खातों की जांच पड़ताल कर रही है।

एसएसपी देहरादून अजय सिंह के मुताबिक हारिस अपने परिजनों के संपर्क में नहीं था। फिर भी ताजा घटनाक्रम और इनपुट्स के बाद उसके परिजनों पर निगाह राखी जा रही है। हारिस के विभिन्न कनेक्शन को लेकर सभी पहलुओं पर काम किया जा रहा है। साथ ही सभी जांच एजेंसियों के साथ समन्वय बनाया गया है।

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