देहरादून : दून के नामी बिल्डर सतेंद्र सिंह साहनी उर्फ बाबा साहनी की आत्महत्या के मामले में आरोपी अजय कुमार गुप्ता व उनके बहनाेई अनिल गुप्ता (गुप्ता बंधु) को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। राजपुर थाना पुलिस ने बाद दोपहर करीब 04 बजे अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) तृतीय शायस्ता बानो की अदालत में पेश किया था। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपियों को जेल भेजने का आदेश जारी किया। बचाव पक्ष की ओर से आरोपित अजय कुमार गुप्ता का स्वास्थ्य खराब होने का हवाला देते हुए जमानत अर्जी दाखिल की थी। अदालत ने इस मामले में राजपुर थाना पुलिस को सोमवार तक जमानत संबंधी रिपोर्ट पेश करने के आदेश जारी किए हैं।
कारोबार में पार्टनरशिप के विवाद में शहर के नामी बिल्डर बाबा साहनी ने शुक्रवार को अपनी विवाहित बेटी के सहस्रधारा रोड पर पैसेफिक गोल्फ अपार्टमेंट में आठवीं मंजिल पर स्थित फ्लैट की बालकनी से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। उनकी जेब से मिले सुसाइड नोट व उनके बेटे के बयान के आधार पर पुलिस ने सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) के निवासी चर्चित अजय कुमार गुप्ता व उनके बहनोई अनिल गुप्ता (गुप्ता बंधु) के विरुद्ध आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज कर लिया। त्वरित कार्रवाई करते हुए राजपुर थाना पुलिस ने दोनों आरोपियों को उनके कर्जन रोड स्थित आवास से हिरासत में लेते हुए पूछताछ के बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया था।
शुक्रवार सारी रात दोनों आरोपित राजपुर थाने के हवालात में रहे, जहां पूछताछ के बाद थानाध्यक्ष पीडी भट्ट की देखरेख में दोनों को अदालत में पेश किया गया। अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि अजय कुमार गुप्ता व उनका बहनोई बिल्डर सतेंद्र सिंह साहनी को धमकियां दी जा रही थी। आरोपितों ने सहारनपुर में बिल्डर के खिलाफ शिकायत भी दी, जिसके कारण सहारनपुर पुलिस उन्हें लगातार पेश होने का दबाव बना रही थी। तनाव में आकर बिल्डर ने अपनी बेटी के पैसेफिक गोल्फ अपार्टमेंट की आठवीं मंजिल पर स्थित फ्लैट की बालकनी से छलांग लगा दी।
आत्महत्या करने से पहले बिल्डर ने सुसाइड नोट भी लिखा, जोकि उनकी जेब से बरामद हुआ है। सुसाइड नोट के आधार पर दोनों आरोपितों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज करते हुए शुक्रवार शाम को देानों को गिरफ्तार किया गया। कोर्ट के समक्ष बचाव पक्ष ने कहा कि प्रोजेक्ट पर गुप्ता बंधु 19 करोड़ रुपये दे चुके हैं, ऐसे में वह साइट पर केवल हिसाब किताब पूछने के लिए जा रहे थे। 09 मई के बाद गुप्ता बंधुओं का सतेंद्र साहनी से कोई संपर्क नहीं हुआ है, ऐसे में धमकी देने का सवाल ही नहीं बनता। अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आरोपितों को न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश जारी किए।