देहरादून : प्रदेश में डेंगू की बढ़ती संभावनाओं के बीच सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को अलर्ट रहने को कहा गया है। इसके साथ ही जिला प्रशासन एवं रेखीय विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर डेंगू प्रभावित क्षेत्रों एवं संभावित इलाकों में माइक्रोप्लान के अनुरूप प्रभावी कदम उठाते हुये डेंगू पर नियंत्रण बनाये रखने के निर्देश दे दिये गये है। जिसकी स्वास्थ्य महानिदेशालय स्तर पर प्रत्येक दिन मॉनिटिरिंग की जायेगी।
सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि प्रदेश में डेंगू के रोकथाम को लेकर राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। यही वजह है कि इस वर्ष डेंगू संक्रमण नियंत्रण में है, लेकिन फिर भी सावधानी बरतनी जरूरी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के कुछ स्थानों पर डेंगू संक्रमण के केस सामने आये हैं, जिनकी बढ़ती संभावनों को देखते हुये सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दे दिये गये हैं। साथ ही जिला प्रशासन एवं रेखीय विभागों के साथ डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में सघन अभियान चलाकर डेंगू नियंत्रण हेतु प्रयास तेज करने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि विभागीय अधिकारियों को जनपद स्तर पर डेंगू नियंत्रण एवं रोकथाम के लिये माइक्रोप्लान तैयार करते हुये विभागीय टीमों का गठन कर प्रत्येक नगर व वार्ड में जनजागरूकता अभियान के साथ ही निरंतर मॉनिटिरिंग के भी निर्देश दिये गये हैं। जबकि महानिदेशक स्वास्थ्य को सभी जनपदों में डेंगू रोकथाम को लेकर चलाये जा रहे अभियान की प्रत्येक दिन निदेशालय स्तर पर भी मॉनिटिरिंग करने को कहा गया है।
विभगीय मंत्री ने बताया कि सभी जनपदों के सीएमओ को डेंगू नियंत्रण एवं रोकथाम के लिये सघन सोर्स रिडक्शन गतिविधियां, फॉगिंग, इनडोर स्पेस स्प्रे, प्रचार-प्रसार, अंतर्विभागीय समन्वय बैठक तथा माइक्रोप्लान के अनुरूप प्रभावी कदम उठाने के निर्देश पूर्व में ही दे दिये गये थे। जिसके तहत विभाग द्वारा गठित टीम ने माह अप्रैल से घर-घर जाकर डेंगू लार्वा को नष्ट करने के साथ ही जनजागरूकता अभियान शुरू कर दिया था। जिसके तहत आतिथि तक आशाओं द्वारा 24,16,624 घरों तथा डेंगू वॉलियंटर्स द्वारा 7,37,316 घरों का सर्वे कर लार्वा निरोधात्मक कार्यवाही की। डॉ. रावत ने जनता से अपील करते हुये कहा कि भले ही प्रदेश में डेंगू नियंत्रण में है लेकिन बरसाती मौसम को देखते हुये आगामी दो माह तक सभी लोग डेंगू के प्रति सतर्क रहे और अपने आस-पास डेंगू का लार्वा पनपने न दें।