Scarlet Finch Uttarakhand : Scarlet Finch: A Glimpse into Uttarakhand’s Avian Biodiversity
translate following news in english with attractive heading
हिमालय की हवा में परवाज भरता ‘ लाल सिपाही
Scarlet Finch Uttarakhand : देहरादून, 2 अगस्त 2025 : कभी सुबह की शुरुआत पक्षियों के कलरव से होती थी। बदलते परिवेश मे यह चहचहाट कुछ कम हो गई है। अब अपने घोंसलों में लौटते सुनाई देने वाले पक्षियों के साज भी मानो कहीं गुम से हो गए हैं। बावजूद इसके देश में पाए जाने वाली पक्षियों की करीब 1300 प्रजातियों में से 722 उत्तराखंड में मिलती हैं। इन्हीं में से एक है ‘ लाल सिपाही ‘। हिमालयी वितान में विचरण करने वाले इस सिपाही का नाम है स्काॅर्लेट फिंच (Carpodacus sipahi) । यह हिमालयी क्षेत्रों में अक्सर समुद्र तल से दो हजार से चार हजार मीटर की ऊंचाई पर आसनी से देखा जा सकता है। यह नेपाल, पूर्वोत्तर भारत की पहाड़ियों और दक्षिण-पूर्व एशिया में भी पाया जाता है।
चमकीले लाल रंग के इस पक्षी के नाम के पीछे की कहानी भी काफी रोचक है। वर्ष 1836 में एक प्रकृति प्रेमी अंग्रेज ब्रायन हॉटन हॉजसन ने इस पक्षी का वर्णन अपनी डायरी में किया था और उसी ने नाम दिया ‘कोरथस सिपाही’ (Corythus sipahi)। दरअसल इसका अर्थ सैनिक द्वारा पहने जाने वर्दी से है। तब ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना के लोग लाल रंग की वर्दी पहनते थे।
नर पक्षी का रंग चटख लाल होता है, जबकि मादा और किशोर कम चमकीले होते हैं। ये पीलेे नितंब और मोटी गुलाबी चोंच के साथ पहचाने जा सकते हैं। रोज़फिंच (Rosefinches) भी समान रूप से रंगीन होते हैं, लेकिन उनकी चोंच छोटी, पूंछ लंबी और अधिक धारीदार होती है। यह पहाड़ी और पर्वतीय वनों में निवास करता है, जहाँ ये आमतौर पर छोटे झुंडों में घूमतेेहैं। इन्हें अक्सर सूखे ठूंठों पर बैठा देखा जा सकता है। घोंसले आमतौर पर कप के आकार की होते हैं जो घास, जड़ और काई से तैयार किए जाते हैं। इनके अंडे हल्के नीले-हरे रंग के होते हैं, जिन पर कुछ काले धब्बे भी दिखायी देते हैं। मादा फिंच 12 से 14 दिनों तक अंडों को सेती है।
(फोटो साभार : राजू पुशोला)