North Korea’s Hunger Crisis: People Eating Tigers, Leopards, and Bears to Survive
सियोल/लंदन, 10 अक्टूबर 2025 ; कभी जंगलों के राजा कहे जाने वाले बाघ, तेंदुए और भालू आज नॉर्थ कोरिया की थाली में परोसे जा रहे हैं। ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन और नॉर्वे के वैज्ञानिकों के एक हालिया अध्ययन ने इस चौंकाने वाले सच को उजागर किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, भुखमरी और गरीबी के कारण लोगों ने जंगली जानवरों का शिकार करना शुरू किया था, लेकिन अब यह उनकी आदत बन चुकी है।
अध्ययन के दौरान नॉर्थ कोरिया से भागे 42 लोगों से बातचीत में पता चला कि कई लोग पेट भरने और पैसे कमाने के लिए जंगलों में जाकर अमूल्य वन्यजीवों का शिकार कर रहे हैं। इसमें साइबेरियन टाइगर, अमूर लैपर्ड, भालू, हिरण और लॉन्ग टेल गोरल जैसे दुर्लभ प्रजातियां शामिल हैं। इन जानवरों के मांस और अंगों की तस्करी भी जोरों पर है।
विशेषज्ञों का कहना है कि 1990 के दशक में आए भीषण अकाल ने लोगों को इस दिशा में धकेला। हालांकि अब अकाल खत्म हो चुका है, लेकिन भूख से उपजी यह प्रवृत्ति खत्म नहीं हुई। आज हालत यह है कि दुनिया में साइबेरियन बाघों की संख्या 600 से भी कम रह गई है, और नॉर्थ कोरिया के जंगल वन्यजीवों की कब्रगाह बनते जा रहे हैं।
अध्ययन चेतावनी देता है कि यदि जल्द कदम नहीं उठाए गए, तो कई दुर्लभ प्रजातियां आने वाले वर्षों में पूरी तरह विलुप्त हो सकती हैं—और इसका जिम्मेदार सिर्फ भूख नहीं, बल्कि इंसान की आदत बन चुकी निर्दयता होगी।
