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Himalaya Ki Awaj > Blog > उत्तराखंड > प्रशासन ने नापी सेंट जोजफ्स की जमीन, वापस होगी नजूल भूमि
उत्तराखंड

प्रशासन ने नापी सेंट जोजफ्स की जमीन, वापस होगी नजूल भूमि

Web Editor
Last updated: 2024/09/25 at 3:18 AM
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4 Min Read
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देहरादून :  शासन के आदेश पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली संयुक्त कमेटी ने स्कूल के कब्जे वाली करीब 21 बीघा नजूल (सरकारी) भूमि की नापजोख की। इस जगह सरकार शहरवासियों के लिए वाहनों की पार्किंग व्यवस्था विकसित करेगी। यह वही भूमि है, जिसके महज 3312 वर्गमीटर भाग को ग्लोब चौक चौड़ीकरण के लिए वर्ष 2012-13 वापस लेने में मशीनरी के पसीने छूट गए थे। तब सरकारी मशीनरी को अपने कदम पीछे खींचने पड़े थे।

शासन ने हाल में ही जिलाधिकारी की अध्यक्षता में पुलिस, नगर निगम, राजस्व और एमडीडीए की कमेटी गठित की है। कमेटी को दून की यातायात व्यवस्था को पटरी पर लाने की जिम्मेदारी दी है। भविष्य में सचिवालय के विस्तार और शहर में जगह जगह पार्किंग व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए स्थान चिह्नित करने के निर्देश दिए गए हैं। तय किया गया है कि अग्रिम आदेश तक किसी भी नजूल भूमि का नवीनीकरण न किया जाए। सेंट जोजफ्स एकेडमी के कब्जे वाली करीब 21 बीघा (28 हजार वर्गमीटर से अधिक ) नजूल भूमि की लीज अवधि जनवरी 2024 को समाप्त हो गई थी। यातायात प्रबंधन की दिशा में ही स्कूल की नजूल भूमि का नवीनीकरण नहीं किया गया है।

स्कूल के ग्राउंड तक नापी गई जमीन
जिला प्रशासन के नेतृत्व में मंगलवार को संयुक्त टीम नजूल भूमि की नापजोख करते हुए स्कूल के ग्राउंड तक पहुंची। बताया जा रहा है कि स्कूल के पास 21 बीघा के करीब नजूल भूमि है। वहीं, सड़क चौड़ीकरण और पार्किंग की जरूरत की बात की जाए तो इसके बड़े हिस्से को सरकार वापस ले सकती है। नापजोख में ग्लोब चौक से सुभाष रोड तक के भाग को शामिल किया गया। यह भाग दोनों क्षेत्रों के मध्य आंतरिक मार्ग से जुड़ा है। संयुक्त टीम में उपजिलाधिकारी सदर हरगिरि, सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह, उप नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल, तहसीलदार सुरेंद्र कुमार, एमडीडीए अधिशासी अभियंता अतुल गुप्ता, सीओ ट्रैफिक अनुज कुमार आदि शामिल रहे।

3312 वर्गमीटर भूमि न मिलने से लटका था चौड़ीकरण
सेंट जोजफ्स एकेडमी की नजूल भूमि को वापस लेने में पूर्व में सरकारी मशीनरी बहुत पापड़ बेल चुकी है। वर्ष 2012 के आसपास जवाहर लाल नेहरू अर्बन रेन्यूवल मिशन (जेएनएनयूआरएम) में शहर के तमाम चौराहों का चौड़ीकरण किया गया था। इसी के तहत ग्लोब चौक को भी चौड़ा किया जाना था। तय किया गया था कि चौक को चौड़ा करने के लिए सेंट जोजफ्स एकेडमी के कब्जे वाली नजूल भूमि में से 3312 वर्गमीटर भूमि वापस ली जाएगी। हालांकि, तमाम जतन से बाद भी सरकारी मशनीरी यह काम नहीं कर पाई और वर्ष 2014-15 में जब मिशन समाप्त हुआ तो चौड़ीकरण की मंशा भी डंप हो गई।

तत्कालीन राज्यपाल के हस्तक्षेप से लटका था मामला
ग्लोब चौक के चौड़ीकरण के लिए सेंट जोजफ्स एकेडमी की नजूल भूमि के अधिग्रहण के लिए सरकार ने पूरी तैयारी कर ली थी। शायद तब चौक चौड़ा भी हो जाता, यदि उस समय तत्कालीन राज्यपाल ने इसका विरोध न किया होता। राज्यपाल के सीधे हस्तक्षेप के बाद मामला खटाई में पड़ गया था।

 

 

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