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Himalaya Ki Awaj > Blog > देश-विदेश > होर्मुज जलडमरूमध्य बंद होने की चुनौती से निपटने के लिए भारत तैयार, तेल विपणन कंपनियों के पास पर्याप्‍त स्‍टाक
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होर्मुज जलडमरूमध्य बंद होने की चुनौती से निपटने के लिए भारत तैयार, तेल विपणन कंपनियों के पास पर्याप्‍त स्‍टाक

Web Editor
Last updated: 2025/06/23 at 5:10 AM
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3 Min Read
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नई दिल्‍ली :  तीन परमाणु प्रतिष्‍ठानों पर हुए अमेरिकी हवाई हमले से भडका ईरान अब होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद कर सकता है। ईरानी संसद ने इसके पक्ष में मतदान कर मंजूरी दे दी है। हालांक‍ि इस पर अंतिम निणर्य  सर्वोच्‍च नेशनल सिक्‍यूरिटी काउंसिल करेगी। यदि ईरान फारस की खाडी को अरब सागर से जोडने वाले इस गलियारे को बंद कर देता है तो इसका असर भारत समेत दुनिया के कई देशों पर पडना तय है। भारत की बात करें तो देश में प्रतिदिन खपत होने वाले 5.5 मिलियन बैरल कच्चे तेल में से लगभग 1.5-2 मिलियन बैरल होर्मुज जलडमरूमध्य के माध्यम से आता है। वैश्विक तेल और गैस का लगभग 20% प्रवाह इसी गलियारे से होता है।

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के अनुसार फिलहाल चिंता की बात नहीं है। उन्‍होंने कहा कि हमारी तेल विपणन कंपनियों के पास पर्याप्त स्टॉक है। उनमें से अधिकांश के पास तीन सप्ताह तक का स्टॉक है। उनमें से एक के पास 25 दिनों का स्टॉक है। हम अन्य मार्गों से कच्चे तेल की आपूर्ति बढ़ा सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि मध्य पूर्व में तनाव का बढ़ना पूरी तरह से अप्रत्याशित नहीं था। इसमें  होर्मुज जलडमरूमध्य के बंद होने की संभावना भी शामिल है।  हम बदलती स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। पुरी ने कहा कि अभी कच्‍चे तेल  की कीमत के बारे में अनुमान लगाना बहुत मुश्किल है। लंबे समय तक तेल की कीमत 65 से 70 डालर प्रति बैरल के बीच थी। फिर यह 70 से 75 के बीच हो गई…सोमवार को जब बाजार खुलेंगे, तो होर्मुज जलडमरूमध्य के बंद होने के परिणामों को ध्यान में रखा जाएगा।  मोदी सरकार ने पिछले कई वर्षों में न केवल आपूर्ति की स्थिरता सुनिश्चित की है, बल्कि वहनीयता भी सुनिश्चित की है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय करेंगे।”

इस बीच अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने चीन से आह्वान किया कि वह ईरान को होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद न करने के लिए मनाए। क्योंकि वाशिंगटन ने ईरानी परमाणु स्थलों पर हमले किए हैं। कहा कि मैं बीजिंग में चीनी सरकार को इस बारे में उनसे बात करने के लिए प्रोत्साहित करता हूं, क्योंकि चीन अपने तेल के लिए होर्मुज जलडमरूमध्य पर बहुत अधिक निर्भर है। रूबियो ने कहा कि अगर ईरान ऐसा करता तो यह एक और भयानक गलती होगी। अगर कहा कि हमारे पास इससे निपटने के लिए विकल्प हैं, लेकिन अन्य देशों को भी इस पर विचार करना चाहिए। इससे अन्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं को हमारी तुलना में बहुत अधिक नुकसान होगा।”

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