ऋषिकेश : भारतीय सिनेमा जगत के दो प्रमुख नाम प्रसिद्ध अभिनेता अनिल कपूर और फिल्म निर्माता निर्देशक बोनी कपूर ने माँ गंगा के पावन तट पर स्थित परमार्थ निकेतन आश्रम में रात्रि विश्राम कर आध्यात्मिक शांति और गहन सुकून का अनुभव किया। इस आध्यात्मिक यात्रा में उनकी पूज्य माताजी श्रीमती निर्मल कपूर जी के लिये विशेष प्रार्थना की।
इस अवसर पर उन्होंने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती एवं साध्वी भगवती सरस्वती के सान्निध्य में विश्व शांति यज्ञ में सहभाग कर विश्व शान्ति हेतु आहुतियाँ समर्पित कीं।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि हमारी नदियाँ, हमारे वृक्ष और हमारी संस्कृति ये केवल प्रकृति के घटक नहीं, बल्कि हमारे जीवन और आध्यात्मिक चेतना के आधार हैं। नदियाँ हमें जल देती हैं, वृक्ष हमें वायु देते हैं और संस्कृति हमें मूल्य देती है। जब हम किसी एक को नुकसान पहुँचाते हैं, तो हम संपूर्ण संतुलन को प्रभावित करते हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार शरीर में प्राण, मन और आत्मा एक-दूसरे से जुड़े होते हैं, वैसे ही प्रकृति, पर्यावरण और संस्कृति का संबंध भी अभिन्न है। वृक्षों के बिना वर्षा नहीं, वर्षा के बिना नदियाँ नहीं और नदियों के बिना जीवन नहीं। और जीवन के बिना संस्कृति कैसे बचेगी? इसलिए हमें वृक्षारोपण, नदी संरक्षण और सांस्कृतिक मूल्यों के संवर्धन को एक साथ लेकर चलना होगा। यही सच्चा पर्यावरण संरक्षण है और यही हमारी संतुलित, सतत् और समृद्ध भविष्य की दिशा है इसलिये इनके संरक्षण व संवर्द्धन हेतु सभी को आगे आना होगा।
अनिल कपूर ने परमार्थ निकेतन के संपूर्ण अनुभव को आध्यात्मिक ऊर्जा और आत्मिक शांति से भरपूर बताते हुए कहा कि परमार्थ निकेतन का यह दिव्य स्थल केवल एक आश्रम नहीं, अपितु एक आध्यात्मिक धाम है जहाँ आत्मा को विश्राम मिलता है और जीवन की आपाधापी में खोया हुआ सच्चा आनंद पुनः प्राप्त होता है।
बोनी कपूर ने अपने भावों को प्रकट करते हुए कहा कि परमार्थ निकेतन की पवित्रता, गंगा तट की दिव्यता और स्वामी जी का मार्गदर्शन, इन सबसे हमें वह शक्ति और प्रेरणा मिली है जो हमारे जीवन को नई दिशा देने में सहायक होगी।
गंगा तट पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती और साध्वी भगवती सरस्वती के साथ दोनों कपूर भाईयों ने माँ गंगा का पूजन-अर्चन किया और नदियों, प्रकृति और पृथ्वी के संरक्षण हेतु संकल्प लिया। पूज्य माताजी श्रीमती निर्मल कपूर जी व पूरे परिवार की सुख शान्ति के लिए मां गंगा से प्रार्थना की।
इस अवसर पर परमार्थ निकेतन के ऋषिकुमारों को प्रेमपूर्वक भोजन कराया। ऋषिकुमारों की मासूम मुस्कान और उनका आत्मिक आचरण देखकर अनिल कपूर जी भावुक हो उठे और कहा कि इन बच्चों में ही भविष्य की संस्कृति और संस्कार का बीज छिपा है। यह दृश्य मेरे जीवन के सबसे पवित्र अनुभवों में से एक रहेगा।
परमार्थ प्रांगण में दोनों भाइयों ने स्वामी जी के साथ मिलकर एक रूद्राक्ष के पौधे का रोपण किया। यह पौधा उन्हें हिमालय की हरित आभा और पर्यावरण सन्देश के रूप में भेंट किया गया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने इस अवसर पर कहा, रूद्राक्ष न केवल पर्यावरण के लिए वरदान है, बल्कि यह हमारे भीतर भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। जब फिल्म और कला जगत से जुड़े महान व्यक्तित्व प्रकृति संरक्षण का संदेश देते हैं, तो वह समाज में गहरी प्रेरणा का कार्य करता है।
प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता अनिल कपूर और फिल्म निर्माता निर्देशक बोनी कपूर ने ऋषिकेश में परमार्थ निकेतन में बिताए सुकून के पल

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