देहरादून : वन दरोगा भर्ती परीक्षा में धांधली करने के आरोपी को एसटीएफ ने गिरफ़तार कर लिया है। इसी के साथ गिरफतार लोगों की संख्या पांच हो गई है। वहीं यूकेएसएसएससी भर्ती परीक्षाओं की धांधली में गिरफतार आरोपियों की संख्या अब 56 हो गई है।
यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया यूकेएसएसएससी द्वारा आयोजित कराई गई स्नातक स्तरीय परीक्षा 2021, सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा, वन दरोगा ऑनलाइन भर्ती परीक्षा एवं ग्राम पंचायत विकास अधिकारी चयन परीक्षा 2016 में हुई धांधली को लेकर दर्ज अलग अलग 04 मुकदमों की विवेचना एस. टी. एफ. द्वारा की जा रही है। एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल अनुसार आयोग द्वारा वन विभाग में वन दरोगा के 316 पदों के लिये एनएसईआईटी कंपनी के माध्यम से ऑनलाइन वन दरोगा भर्ती परीक्षा दिनांक 16 जुलाई 2021 से 25 जुलाई 2021 तक उत्तराखण्ड के विभिन्न जनपदों में स्थित 31 परीक्षा केंद्रों में सम्पन्न कराई गई थी। उक्त परीक्षा में उत्तराखण्ड के करीब 85 हजार अभ्यर्थियों द्वारा अपना आवेदन किया गया तथा इस परीक्षा के उपरान्त 620 अभ्यर्थियों को प्रारम्भिक तौर पर चयनियत किया जिनका फिजीकल होने के उपरान्त रिजल्ट घोषित किया जाना था, परन्तु आयोग द्वारा कुछ अभ्यर्थियों के रिजल्ट में संदेह पाये जाने पर इसकी जांच एसटीएफ को सुपुर्द करायी गयी थी जांच में प्रारम्भिक तौर पर गड़बड़ी पाये जाने पर एसटीएफ द्वारा इस परीक्षा के सम्बन्ध में साईबर थाना देहरादून पर अभियोग पंजीकृत कराया गया जिसकी विवेचना एसटीएफ द्वारा स्वंय की जा रही है, अभी तक इस परीक्षा में 04 अभियुक्तों प्रशांत, रविन्द्र, अश्वनी कुमार और सचिन कम्पयूटर लैब टेक्नीशियन की गिरप्तारी की गयी थी। मंगलवार को हरिद्वार स्थित स्वामी दर्शनानंद इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी काॅलेज के परीक्षा केन्द्र के संचालक प्रवीण कुमार राणा पुत्र जगबीर सिंह की स्पष्ट भूमिका पाये जाने पर उसकी गिरप्तारी की गयी है। प्रवीण कुमार राणा पूछताछ में बताया कि वह सोनीपत में प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता है। वहां 2020 मैंउसकी मुलाकात निशान्त चौधरी निवासी रमाला, बागपत से हुई थी। उसने और निशांत चौधरी ने स्वामी दर्शनानंद इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी को 50 रूपये प्रति कंप्यूटर हिसाब से केवल परीक्षा के लिए 11 महीने की लिए किराए पर लिया गया। उसकेे बाद ऑनलाइन भर्ती परीक्षा के लिए एससीईआईटी कंपनी से संपर्क किया व उक्त परीक्षा कंपनी से एग्रीमेंट किया गया। इस इंस्टिट्यूट में 150 अभ्यर्थियों ने 16 जुलाई 2021 से 25 जुलाई 2021 तक विभिन्न चरणों में ऑनलाइन परीक्षा दी गयी। जहां पर लैब टेक्नीशियन सचिन की मदद से कई अभ्यर्थियों को नकल करायी गयी। इस काम के लिये दोनों व्यक्तियों ने प्रत्येक अभ्यर्थी से 08 से 10 लाख रूपये प्राप्त किये गये। जिन अभ्यर्थियों ने इस परीक्षा केंद्र में नकल की गई है,उनमें से कई अभ्यर्थियों को एसटीएफ द्वारा चिन्हित कर लिया गया है। यह भी प्रकाश में आया कि उक्त परीक्षा को संपन्न कराने के लिए एससीईआईटी कंपनी द्वारा अभियुक्तों को 1,71,845 पेमेंट किया गया परंतु अभियुक्तों द्वारा एसडीआईएमटी कॉलेज को कोई भुगतान नहीं किया गया और फरार हो गये। अभियुक्त प्रवीण कुमार के आपराधिक इतिहास के संबंध में जानकारी की जा रही है।
गौरतलब है कि उत्तराखण्ड एसटीएफ द्वारा 04 अभियोगों की विवेचना में यूकेएसएसएससी द्वारा आयोजित कराई गई स्नातक स्तरीय परीक्षा 2021 परीक्षा की धांधली में अब तक 44, वन दरोगा की परीक्षा में 05, सचिवालय रक्षक परीक्षा में 01 एवं ग्राम पंचायत विकास अधिकारी चयन परीक्षा वर्ष 2016 में 06 कुल 56 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई है।
उत्त्राखंड में वन दरोगा भर्ती परीक्षा धांधली में पांचवी गिरफ़तारी,यूकेएसएसएससी भर्ती परीक्षाओं की धांधली में अब तक 56 गिरफतार
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