हरिद्वार : हरिद्वार में सप्तसरोवर स्थित शदाणी दरबार तीर्थ के सप्तम पीठाधीश्वर संत राजाराम साहिब 63वीं बरसी पर आयोजित तीन दिवसीय महोत्सव सोमवार को संपन्न हो गया। महोत्सव में पहुंचे पाकिस्तानी हिन्दू श्रद्धालुओं के जत्थे ने तीसरे दिन धर्मनगरी के विभिन्न मंदिरों में दर्शन कर पूजा अर्चना की और शाम को हरकी पैड़ी पर गंगा आरती में हिस्सा लिया। गंगा मैया के जयकारे लगाकर भक्ति में रंगे नजर आए।
पाकिस्तान के सिंध प्रांत से आए 306 हिन्दू श्रद्धालुओं के जत्थे ने दो दिन तक शदाणी दरबार में आयोजित बरसी महोत्सव में हिस्सा लिया। संत समागन और कलश यात्रा निकालकर सिंधु नदी का जल मां गंगा में लाकर दोनों का मेल कराया। विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम सोमवार को संपन्न हो गए। जिसके बाद गोविंद मखीजा, मंसाराम, श्रीचंद कपूर, सुरेंद्र लाल, अजीत शदाणी, नानिक राम, माता दीपिका शदाणी, इजना देवी, रेखा देवी, सुरा बाई, रेशमा देवी, राधिका, बेबी बाई, माया बाई, लाजी बाई, साना देवी, जयवती देवी समेत पूरे जत्थे ने कनखल स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर, मनसा देवी मंदिर, चंडीदेवी मंदिर, दक्षिण काली मंदिर समेत विभिन्न प्राचीन मंदिरों के दर्शन किए। शाम को हरकी पैड़ी पर मां गंगा के दर्शन कर गंगा आरती में शामिल होकर गंगे मैया के जयकारे लगाए।
शदाणी दरबार के नवम पीठाधीश्वर संत डॉ. युधिष्ठिर लाल ने बताया कि तीन दिवसीय बरसती महोत्सव कार्यक्रम संपन्न हो गया है। पाकिस्तान के सिंध से आए सभी तीर्थ यात्रियों ने पूरी श्रद्धा के साथ हरिद्वार में आकर कार्यक्रम में भाग लिया और तीर्थ स्थलों के दर्शन किए। हर साल पाक से हिन्दू श्रद्धालुओं का जत्था भारत आता है। शदाणी दरबार के कार्यक्रम में पहुंचा है। मंगलवार को जत्था अपने वतन के लिए वापसी करेगी।
शदाणी दरबार से पाकिस्तानी श्रद्धालुओं ने निकाली कलश यात्रा
शदाणी दरबार के सप्तम पीठाधीश्वर संत राजाराम साहिब की 63वीं बरसी पर आयोजित महोत्सव में पहुंचे पाकिस्तान के हिन्दू श्रद्धालुओं ने कलश यात्रा निकाली। जबकि शदाणी भक्त निवास में संत समागन का आयोजन किया गया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष समेत कई गणमान्य संतों ने हिस्सा लिया।
उत्तरी हरिद्वार में सप्तसरोवर स्थित शदाणी दरबार में आयोजित संत समागन में पहुंचे
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी, पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण, महामंडलेश्वर स्वामी हरि चेतनानंद, स्वामी चिदानंद सरस्वती, संजय महंत, महंत रवि देव शास्त्री, साध्वी मैत्री गिरी का नवम पीठाधीश्वर संत डॉ युधिष्ठिर लाल ने स्वागत किया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने संत डॉ. युधिष्ठिर लाल धर्म के संरक्षण, संवर्धन में अपना सहयोग प्रदान कर रहे हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच अध्यात्मिक यात्रा में शदाणी दरबार सेतु के रूप में काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रेम निभाने से समरसता आएगी, जो कि भारतीय संस्कृति के अनुरूप होकर देश के विकास में अमूल्य योगदान देगी। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि शदाणी दरबार द्वारा भारतीय सनातन संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए सराहनीय प्रयास किए जा रहे हैं। हर साल शदाणी दरबार द्वारा पाकिस्तान के हिन्दू तीर्थ यात्रियों को भारत की यात्रा कराकर गंगा और सिंधु नदी का मेल कराने का कार्य अनुकरणीय है। महामंडलेश्वर हरिचेतनानंद ने कहा कि संत युधिष्ठिर लाल भारत के श्रद्धालुओं को पाकिस्तान
और पाकिस्तान में रह रहे हिंदुओं को भारत भ्रमण कराकर सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में विशेष भूमिका निभा रहे हैं। इसके लिए वह बधाई के पात्र हैं।
शदाणी दरबार के नवम पीठाधीश्वर संत युधिष्ठिर लाल ने कहा कि शदाणी दरबार तीर्थ मूल रूप से पाकिस्तान में स्थित सिंध क्षेत्र में करीब 315 साल पहले 1708 में स्थापित हुआ था। तब से भारत और पाकिस्तान के के बीच रिश्ता बना हुआ है। हर साल सिंध से हिन्दू तीर्थ यात्री भारत आते हैं और शदाणी दरबार के कार्यक्रम में शामिल होते हैं।
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शदाणी घाट तक निकाली गई कलश यात्रा
शदाणी दरबार के नवम पीठाधीश्वर संत युधिष्ठिर लाल के नेतृत्व में पाकिस्तानी श्रद्धालुओं ने कलश यात्रा निकाली। महिलाएं अपने सिर पर जल कलश लेकर यात्रा में शामिल हुई। सप्तसरोवर रोड, भारत माता मंदिर से होते हुए यात्रा शदाणी घाट पर पहुंची। माता दीपिका शदाणी, इजना देवी, रेखा देवी, सुरा बाई, रेशमा देवी, राधिका, बेबी बाई, माया बाई, लाजी बाई, साना देवी, जयवती देवी आदि मौजूद रही।