देहरादून : पुलिस ने गोल्ड व्यवसाय में निवेश का लालच देकर लाखों की धोखाधड़ी करने वाले एक गिरोह पर्दाफाश किया है। पुलिस नेे गिरोह के एक सदस्य को महाराष्ट से गिरफतार कर लिया। गिरोह के तार हांगकांग और सिंगापुर से भी जुे हो सकते हैं।
एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने बताया कि साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन में शिकायतकर्ता दीपक कुमार ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके साथ अज्ञात अभियुक्तों ने कूटरचित दस्तावेजों का प्रयोग कर स्वंय को एक कम्पनी से बताते हुए विभिन्न नम्बरों से Whatsapp के माध्यम से सम्पर्क कर ऑनलाईन गोल्ड व्यवसाय में इन्वेस्ट कर लाभ कमाने का लालच देकर 22,48,258/- रुपये की धनराशि हडप ली| जिस पर पुलिस नेे मुकदमा दर्ज कर लिया। इसकी विवेचना साइबर थाने के निरीक्षक श्री त्रिभुवन रौतेला के सुपुर्द की गयी। टीम ने घटना में प्रयुक्त मोबाईल नम्बर तथा अभियुक्तो द्वारा शिकायतकर्ता से प्राप्त धनराशि की जानकारी प्राप्त की गयी तो प्रकाश में आया कि शिकायतकर्ता की धनराशि लातूर महाराष्ट्र में स्थानान्तरित हुयी है, जिसके आधार पर टीम को महाराष्ट्र भेजा गया।
पुलिस टीम इस मामले में टीम को एक मास्टरमाइंड के बारे में पता चला जो बैंक खाता खोलने में अहम भूमिका निभाता था। जिसके आधार पर अभियोग में संलिप्त आरोपी को महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया गया तथा इस अभियोग से सम्बन्धित एक मोबाईल फोन, एक आधार कार्ड, एक पैन कार्ड व एक आईडी कार्ड बरामद की।
अपराध का तरीकाः-
इस गिरोह के सदस्य गोल्ड ट्रेडिंग ऐप में निवेश के नाम पर लोगो को लगातार लुभाते है । इस वेबसाइट का नाम wap.dotgold1.in था | इस मामले में पीड़ित ने बताया कि अभियुक्तों ने अपनी नई वेबसाइट wap.patgold.in के नाम से बदल दी और जब उसके द्वारा अपने पैसे वापस मांगे तो उसे आगे और पैसे जमा करने के लिए कहा गया और उसे बताया गया कि जल्द ही उनकी वेबसाइट wap.meerigold.in में बदल जाएगी और यहां तक कि भुगतान का तरीका भी केवल यूपीआई IDs ही होगा | मामले पूछताछ पर जानकारी हुई कि हम लोग शुरुआत में गोल्ड निवेश के नाम पर ठगे जाने वाले व्यक्ति को कुछ छोटा निवेश करने पर उसे अच्छे लाभ के साथ धनराशि पहले वापस करते है, जिससे वह व्यक्ति इस कंपनी में बड़ी धनराशि निवेश करने के लिए लालच में आ जाता है | इसके पश्चात् उस व्यक्ति को वॉट्सऐप के जरिए बताया जाता कि अब पैसा नहीं निकाला जा सकता और ज्यादा निवेश करना होगा इस पर पीड़ित व्यक्ति हम लोगो के झासे में आ जाता था और उससे हम लोग अच्छी खासी रकम हड्प लेते थे | संदिग्ध गिरफ्तार व्यक्ति के खाते में 01 महीने में पुरे भारत वर्ष से अलग-अलग लोगो से कई करोडो रूपये प्राप्त किये जाने की जानकारी मिली है | पकडे गए अभियुक्त द्वारा अपने गिरोह के सदस्यों के साथ 5 करोड़ की राशि को ठिकाने लगाने में मदद की गई है |
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 आयुष अग्रवाल ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरो/फर्जी साइट/धनराशि दोगुना करने व ऑनलाईन निवेश कराने वाले व्यक्तियों से सावधान रहें । किसी भी प्रकार के ऑनलाईन भुगतान करने से पूर्व उक्त साईट का पूर्ण वैरीफिकेशन स्थानीय बैंक, सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलीं भांति इसकी जांच पड़ताल अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नम्बर सर्च न करें । कोई भी शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें । वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर पर सम्पर्क करें ।
गिरफ्तार अभियुक्तः-
1- Pravin Ramchandra Thorat S/o Ramchandra Thorat R/o Umbadga, PO Budhoda, PS Ausa Latur Maharastra. Age 42 Yrs