देहरादून : रानीखेत सीट से भाजपा विधायक डॉ प्रमोद नैनवाल को मंत्री बनाने के लिए कथित रूप से 30 लाख रुपये लिए जाने का मामला तूल पकड़ा जा रहा है। इस कथित घूसकांड का एक ऑडियो जमकर वायरल हो रहा है। जिसमें बताया जा रहा है कि रानीखेत विधायक डॉ प्रमोद नैनवाल किसी व्यक्ति से कॉल पर बात कर रहे हैं और कह रहे हैं कि उनसे मंत्री बनाने के लिए 30 लाख रुपये लिए गए और वादा भी पूरा नहीं किया गया। हालांकि, यह आरोप उस समय सामने आए हैं, जब उत्तराखंड सरकार के ही दायित्वधारी (राज्य सलाहकार श्रम संविदा बोर्ड के अध्यक्ष) कैलाश पंत किसी मामले में विधायक के भाई सतीश नैनवाल और भांजे संदीप बधानी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर भतरौंजखान थाने पहुंचे। उन पर एक प्रधान के साथ मारपीट का आरोप है।
इस ऑडियो में कथित रूप से विधायक की ओर से कहा जा रहा है कि वह (दायित्वधारी) उनके भाई की गिरफ्तारी की मांग को लेकर थाने पहुंचे हैं। इसी बातचीत में किसी गुरूजी के भी थाने पहुंचने की बात सामने आती है। अब गुजरुजी भी सामने आ गए हैं। जो भारतीय गौ रक्षा संघ के कार्यकारी प्रांतीय अध्यक्ष उमेश मठपाल हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि वह विधायक के भाई और भांजे की गिरफ्तारी की मांग को लेकर थाने जरूर पहुंचे थे, लेकिन मंत्री बनाने के लिए 30 लाख रुपये लेने की बात निराधार है। अगर जांच में यह सामने आता है कि आवाज विधायक की है और गुरुजी वाला संबोधन उनके लिए है तो वह कानूनी कार्रवाई करेंगे।
दरअसल, अल्मोड़ा संसदीय सीट के अंतर्गत सीम के प्रधान संदीप खुल्बे ने विधायक के भाई सतीश नैनवाल और भांजे संदीप बधानी पर मारपीट का आरोप लगाते हुए भतरौंजखान थाने में तहरीर दी है। दूसरी तरफ विधायक के भाई सतीश नैनवाल और संदीप बधानी ने भी प्रधान पर गालीगलौज और मारपीट की शिकायत दी। केस दर्ज नहीं होने पर दर्जाधारी कैलाश पंत अपने समर्थकों के साथ थाने पहुंचे थे। इसी के बाद इस बातचीत का होना और घूस मांगे जाने का कथित ऑडियो सामने आया। मामले ने तूल पकड़ा तो कांग्रेस के स्थानीय संगठन ने भी तमाम आरोप जड़ते हुए सरकार का पुतला फूंक दिया।